देहरादून/हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार और देहरादून के ऋषिकेश में पावन गंगा तट पर महाकुंभ में मेष संक्रांति के अवसर पर तीसरे शाही स्नान का आयोजन बुधवार को सफलता पूर्वक संपन्न हो गया।
दीगर है कि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण श्रद्वालुओं की संख्या शाम छह बजे तक मात्र 13 लाख 51 हजार 631 रही, जबकि वर्ष 2010 में इस समय तक एक करोड़ से अधिक लोगों ने गंगा स्नान कर पुण्य अर्जित किया था।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ के सुरक्षित और सफल आयोजन के लिए साधु संतों, श्रद्धालुओं और व्यवस्था में जुटे सुरक्षा बल के जवानों, पुलिस कर्मियों, सफाई कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों, मीडिया कर्मियों और मेला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि शाही स्नान के लिए सुबह से शाम तक संतों और श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। श्रद्धालुओं और संतों को कुंभ के दौरान कोई असुविधा न हो, इसके मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा कड़े इंतजाम किए गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की गई कोरोना की गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए राज्य सरकार ने तीनों शाही स्नान सफलतापूर्वक संपन्न करवाए हैं।
तीरथ ने कहा कि संपूर्ण कुंभ के दौरान साधु-संतों के रहने और उनको अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। साधु-संत सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं से संतुष्ट और प्रसन्न हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले में कोविड को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्राप्त गाइडलाइन का पूरा पालन किया गया। किसी भी संत या श्रद्धालु के आंशिक रूप से बीमार होने पर उनके टेस्ट और उपचार की भी राज्य सरकार द्वारा उचित व्यवस्था की गई है।
हरिद्वार में मेला अधिकारी दीपक रावत ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोरोना काल के कारण इस बार अपेक्षा से कम श्रद्धालु आए हैं। उन्होंने बताया कि शाम छह बजे बजे तक सम्पूर्ण कुम्भ मेला क्षेत्र में स्नानार्थियों की संख्या 13,51,631 रही है। जबकि वर्ष 2010 में यह संख्या इस अवधि में एक करोड़ से अधिक पहुंच गई थी।