नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बाद मतदाताओं ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर अपना विश्वास जताते हुए उसे सहयोगी दल शिव सेना के साथ महाराष्ट्र में दोबारा सत्ता की कमान सौंप दी जबकि हरियाणा में भी वह बहुमत से दूर रहने के बावजूद सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सरकार बनाने की दावेदार बन गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दोनों राज्यों के लोगों को पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए धन्यवाद दिया है। मोदी ने कहा कि हमें आशीर्वाद देने के लिए हरियाणा के लोगों को धन्यवाद। हम उसी निष्ठा और समर्पण के साथ राज्य की प्रगति के लिए काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने अपनी भावना के अनुरूप राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को आशीर्वाद दिया है। एक बार फिर लोगों का सहयोग पाकर हम विनम्र हैं। महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम जारी रहेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा की सभी 288 सीटों के नतीजे आ गए हैं जिनमें से भाजपा गठबंधन 161 सीटें जीत कर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया। भाजपा ने 105 और इसकी सहयोगी शिव सेना ने 56 सीटें जीती हैं और इस तरह गठबंधन 161 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत के आंकड़े को पार कर गया है।
विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन को 98 सीटों पर जीत हासिल हुई। कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 54 सीटें मिली हैं। निर्दलीय उम्मीदवार को 13 तथा समाजवादी पार्टी को दो सीटें मिली हैं।
हरियाणा में सभी 90 सीटों के परिणाम आ चुके हैं जिनमें से भाजपा को 40 सीटों पर जीत हासिल हो सकी। इस तरह वह अभी तक सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है लेकिन बहुमत के आंकड़े से 6 अंक दूर है। कांग्रेस 31 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है।
जननायक जनता पार्टी को 10 सीटें मिली हैं। विधानसभा में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलने की उम्मीद धूमिल होने के साथ ही राजनीतक सरगर्मी बढ गई हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों ने सात सीटें जीती हैं। हरियाणा लोकहित पार्टी और इनेलो को एक-एक सीट मिली है।
हरियाणा में भाजपा बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद अपना पिछला प्रदर्शन नहीं दोहरा पायी है। पिछले विधानसभा चुनाव में उसे 47 सीट मिली थी और पिछले लोकसभा चुनाव में सभी दस सीटें जीतकर पार्टी का परचम लहराया था। इस बार उसे केवल 40 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। सरकार बनाने के लिए उसे निर्दलीय उम्मीदवारों या जननायक जनता पार्टी का सहयोग लेना पड़ेगा।
महाराष्ट्र में भी भाजपा का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा है और उसकी सीटें कम हुई है। पिछली बार उसने 122 सीटें जीती थी जबकि इस बार पार्टी 106 सीटों पर सिमट गई। शिवसेना ने पिछली बार 63 सीटें हासिल की थी लेकिन इस बार वह इस आंकड़े से पिछड़ रही है। दोनों दलों ने पिछली बार अलग-अलग चुनाव लड़ा था जबकि इस बार वे मिलकर चुनाव मैदान में उतरे हैं।