आखिरकार दीपावली के दिन ही भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में जेजेपी के साथ मिलकर अपनी सरकार बना ली। चंडीगढ़ में हुए शपथ ग्रहण समारोह में मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद तो दुष्यंत चौटाला ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसी के साथ हरियाणा में जारी सरकार बनाने का गतिरोध भी पटाक्षेप हो गया है। खट्टर और दुष्यंत को हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य शपथ दिलाई। यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि आज किसी भी विधायक को मंत्री पद की शपथ नहीं दिलाई गई। इसकी बड़ी वजह मंत्री चेहरे पर सहमति नहीं बनना माना जा रहा है।
शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल समेत कई वरिष्ठ नेता राजभवन में मौजूद रहे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह मौजूद नहीं रहे। खास बात रही कि आज ही जेल से फरलो पर बाहर आए अजय चौटाला बेटे के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ के दौरान मौजूद रहे। मालूम हो कि विधानसभा चुनाव में हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी। भाजपा ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं कांग्रेस ने 31, दुष्यंत चौटाला की जेजेपी ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की है। सात सीटों पर निर्दलीय विधायकों ने कब्जा जमाया है। भाजपा ने गोपाल कांडा का समर्थन नहीं लिया है।
विपक्ष ने भाजपा को समर्थन देने पर दुष्यंत चौटाला पर लगाए आरोप
जेजेपी द्वारा बीजेपी को समर्थन देने को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है। वह दुष्यंत चौटाला पर आरोप लगा रहे हैं कि वह अपने पिता अजय चौटाला को बचाने के लिए बीजेपी को समर्थन दिया है। आज सुबह ही दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला आज तिहाड़ जेल से बाहर आए। उन्हें 14 दिनों का फरलो मिला है। उन्होंने कहा हम तो जेल में हैं। दुष्यंत ने साथियों के सहयोग से 11 महीने में संगठन जेजेपी को खड़ा किया। आज उसने बड़े-बड़े लोगों को हैसियत बता दी। इसकी शुरुआत जींद में हुई। बीजेपी से गठबंधन को लेकर हमसे दुष्यंत की जेल में बात हुई थी। हमने बीजेपी से गठबंधन को मंजूरी दी थी। हम कांग्रेस के साथ नहीं जा सकते, जिसके हम जन्मजात विरोधी हैं, विरोध में ही पैदा हुए हैं।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार