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Haryana Budget 2019 brings social security cover for farmers, workers-हरियाणा बजट 2019-20 : कोई नया कर नहीं, सरकार किसानों, श्रमिकों पर मेहरबान - Sabguru News
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हरियाणा बजट 2019-20 : कोई नया कर नहीं, सरकार किसानों, श्रमिकों पर मेहरबान

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हरियाणा बजट 2019-20 : कोई नया कर नहीं, सरकार किसानों,  श्रमिकों पर मेहरबान
Haryana Budget 2019 brings social security cover for farmers, workers
Haryana Budget 2019 brings social security cover for farmers, workers

चंडीगढ़। चुनावी वर्ष में हरियाणा के वर्ष 2019-20 के बजट में जहां जनता पर कोई नया कर नहीं थोपा गया है वहीं सरकार ने पांच एकड़ भूमि के किसानों तथा असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए नई सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू करने का ऐलान करते हुए इसके लिए 1500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है।

वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार के पांचवां और अंतिम बजट पेश करते हुए कहा कि गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी वह हरियाणा मूल्य वर्धित कर की वर्तमान दरों में कोई परिवर्तन नहीं कर रहे हैं तथा न ही किसी नए कर का प्रस्ताव कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने रोजगार और आजीविका प्रदान करने में दस्तकारों, शिल्पकारों और कमेरा वर्ग के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देते हुए और उनकी आर्थिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सी और डी खंडों में 20 किलोवाट तक के कनैक्टड लोड पर दो रूपए प्रति किलोवाट की दर पर पहले से मिल रही सब्सिडी के अलावा ए और बी खंडों में 10 किलोवाट तक के कनैक्टड लोड पर दो रूपए प्रति किलोवाट की दर से सब्सिडी प्रदान करने का भी प्रस्ताव किया है।

उन्होंने बाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिये सामाजिक सुरक्षा योजना के क्रियान्यन की रूप रेखा का बाद में विस्तृत ब्यौरा देगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पहले योजना के लिए बजट का प्रावधान करती है और बाद में इसका क्रियान्वयन करती है।

पांच एकड़ तक की भूमि वाले किसानों को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि इनके लिए राज्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजना केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अतिरिक्त होगी।

उन्होंने 1,32,165.99 करोड़ रूपए के आकार का बजट करते हुए कहा कि यह वर्ष 2018-19 के संशोधित 1,20,375.40 करोड़ रूपए से 9.79 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि वर्ष के दौरान राजस्व खर्च 94,241.90 करोड़ रूपए तथा पूंजीगत खर्च 37924 करोड़ रूपए रहने का अनुमान है।

वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा भी 4185 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश किए जाने पर कुल पूंजीगत निवेश 42,109.09 करोड़ रूपए हो जाने का अनुमान है। इसी तरह वर्ष के दौरान राजस्व घाटा 12022.49 करोड़ रूपए और वित्तीय घाटा 22,461.99 रहने का अनुमान है तो एफआरबीएम अधिनियम के दायरे में ही हैं।