जींद। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने आज राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। सिंह देर शाम उचाना के राजीव गांधी महाविद्यालय में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वह उप राष्ट्रपति को राज्यसभा से अपना इस्तीफा देकर सीधे अपनों के बीच आए है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में का अब भी पौने तीन साल का समय बाकी है लेकिन उन्होंने अपनी नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दिया है ताकि भारतीय जनता पार्टी पर परिवारवाद के आरोप न लगें।
उनके पुत्र बृजेंद्र सिंह इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में हिसार लोकसभा सीट से जीतकर सांसद बने थे। केंद्र का मंत्री पद छोड़ने की घोषणा उन्होंने तब ही कर दी थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब वह उचाना के साथ-साथ प्रदेश की राजनीति करेंगे।
हाल में हुए विधानसभा चुनाव में पत्नी प्रेमलता की उचाना में हार को लेकर उन्होंने कहा कि वह हर चुनाव में हिसाब-किताब लगा लेते थे लेकिन पहली बार ऐसा हुआ जब उनका खुद का हिसाब-किताब गड़बड़ाया है।
सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों के लोग 4 से 6 हजार मतों के अंतर से ही अपनी जीत मान रहे थे लेकिन हार-जीत का अंतर इतना होगा, ये नहीं पता था। उचाना से जननायक जनता पार्टी प्रत्याशी दुष्यंत चौटाला (अब भाजपा-जजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री) ने प्रेमलता को करीब 48 हजार मतों के अंतर से हराया था।
सिंह ने कहा कि चुनाव में हार-जीत होती है। वह छह चुनाव जीते भी है तो तीन हारे भी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हमारी सरकार है। ऐसे में कार्यकर्ताओं को मायूस होने की जरूरत नहीं है।“ उन्होंने कहा कि भाजपा से उम्मीदवार रहीं प्रेमलता पहले की तरह लोगों के बीच रहकर कार्य करेंगी।
सिंह ने बिना किसीका नाम लिए कहा कि चुनाव में भ्रामक प्रचार किया गया कि हमारे परिवार के तीन सदस्य राजनीति में है लेकिन जो यहां से विधायक चुना गया है उनके परिवार के पांच लोग विधायक बने हैं।
चुनाव नतीजों में भाजपा को स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारण जजपा-भाजपा सरकार बनने पर परोक्ष रूप से टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में चुनाव में कुछ तो चुनाव में बाद कुछ होता है। राजनीति में जीत के बाद लोगों के वोटों के सौदे होते है। उन्होंने कहा कि 2009 में जब कांग्रेस की 40 सीट आई तो भजन लाल की पार्टी के 6 में से 5 विधायक कांग्रेस ले गई। पांच साल तक कांग्रेस ने तब सरकार बनाई।
बैठक में सिंह के बोलने से जब पूर्व विधायक प्रेमलता मंच पर बोलने आईं तो उनसे बोला नहीं गया। वह भावुक हो गईं और फिर वापस जाकर अपनी सीट पर बैठ गईं।
बैठक में कार्यकर्ताओं से हार के कारणों के बारे में जाना गया। कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ‘जन आशीर्वाद यात्रा‘ में ‘गर्दन काट दूंगा‘ वाले बयान, यात्रा से हुई कथित गुटबाजी, कथित रूप से मेरिट पर नौकरी लगने सहित कई कारण बताए।