चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में सरकारी नौकरी कर रहे खिलाड़ियों को अपनी अतिरिक्त कमाई का एक तिहाई हिस्सा खेल कोष में जमा कराने सम्बंधी खेल विभाग की गत 30 अप्रैल की अधिसूचना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
खट्टर ने खेल मंत्री अनिल विज के बयान और मीडिया में उक्त अधिसूचना को लेकर प्रसारित खबरों का तुरंत संज्ञान लेते हुये शुक्रवार शाम को अपने ट्वीट में कहा कि मैंने खेल विभाग की उक्त अधिसूचना सम्बंधी फाईल मंगा ली है तथा अगले आदेश तक इसके अमल पर रोक रहेगी। मुझे अपने खिलाड़ियों के योगदान पर बेहद गर्व है तथा वह उन्हें प्रभावित करने वाले हर मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन देते हैं।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य ने भी कहा कि मुख्यमंत्री ने इस फैसले पर खिलाड़ियों की नाराजगी पर तुरंत संज्ञान लिया और इस फैसले के अमल पर रोक लगा दी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले खेल मंत्री अनिल विज ने आज यहां उक्त अधिसूचना का समर्थन करते हुए कहा था कि नियम-56 के अनुसार अगर कोई सरकारी कर्मचारी नौकरी में रहते हुए व्यवसायिक कार्यों से कोई आय अर्जित करता है तो उसे इसका एक तिहाई हिस्सा सरकारी खजाने में जमा कराना पड़ता है।
विज ने कहा था कि ऐसे में वे खिलाड़ी जो सरकार नौकरी में हैं और वे पेशेवर मुकाबलों अथवा विज्ञापनों से जो भी आय अर्जित करते हैं उन्हें उसका एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद के कोष में जमा कराना होगा ताकि इस पैसे का इस्तेमाल राज्य में खेलों और खिलाड़ियों के विकास पर खर्च किया जा सके।
हरियाणा सरकार के इस फैसले के बाद सुशील कुमार, बजरंग और गीता फोगाट जैसे स्टार खिलाड़ियों ने इस पर आपत्ति उठाई थी। विज ने दलील दी कि सरकार द्वारा मुक्केबाज विजेंदर को व्यवसायिक मुक्केबाजी मुकाबलों में भाग लेने की अनुमति दिए जाने पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने उसके समक्ष दायर एक मामले में खिलाड़ियों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए थे।
इन्हीं निर्देशों के तहत नियम-56 को खिलाड़ियों पर लागू करने की अधिसूचना जारी की गई थी। उन्होंने कहा कि यह नियम एमेच्योर खिलाड़ियों पर लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नियम-56 गत सरकारों के कार्यकाल के दौरान ही बनाया गया था जिसे उन्होंने कभी लागू नहीं किया।
खेल मंत्री के अधिसूचना को लेकर दलीलों और इसका समर्थन किए जाने सम्बंधी बयान को लेकर मीडिया में आज प्रसारित खबरों से मचे घमासान और विपक्षी नेताओं की आलोचनाओं के बाद सरकार तुरंत हरकत में आ गई और मामले को संभालने के तहत मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर अधिसूचना के क्रियान्वयन पर तुरंत रोक लगा दी।
उल्लेखनीय है कि खेल एवं युवा मामलों के विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने गत 30 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी कर नियम-56 को सरकारी नौकरी में कार्यरत खिलाड़ियों के लिए भी लागू करने सम्बंधी अधिसूचना जारी की थी।