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राष्ट्र निर्माण के लिए शिक्षा में बदलाव की जरुरत : कप्तान सिंह सोलंकी
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राष्ट्र निर्माण के लिए शिक्षा में बदलाव की जरुरत : कप्तान सिंह सोलंकी

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राष्ट्र निर्माण के लिए शिक्षा में बदलाव की जरुरत : कप्तान सिंह सोलंकी
haryana governor kaptan Singh Solanki
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अजमेर। हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा है कि राष्ट्र निर्माण के लिए शिक्षा में बदलाव की जरुरत है। सोलंकी शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सभागार में विद्यालयीन शिक्षा का वर्तमान स्वरुप एवं भावी दिशा विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि शिक्षा के जरिए ही सोच विकसित की जा सकती है। ऐसे में आजादी के बाद से ही सबसे बड़ी गड़बड़ी सोच की रही है इसलिए चिंतकों को शिक्षा के जरिए सोच में बदलाव पर चिंतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को बनाए रखने के लिए सोच में बदलाव लाना भी जरुरी हैं।

उन्होंने स्कूली शिक्षा को संपूर्ण विकास की धूरी बताते हुए कहा कि आज राष्ट्र को इसकी आवश्यकता है। उन्होंने स्वतंत्रता के समय से ही इसमें परिवर्तन की जरुरत बताते हुआ कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आजादी के समय से ही शिक्षा के आमूलचूल परिवर्तन के पक्षधर रहे।

उन्होंने कहा कि लिखना, पढ़ना, हिसाब लगाना ही शिक्षा नहीं है बल्कि इसके लिए आज “थ्री एच” की आवश्यकता है। उन्होंने इस पर बल देते हुए कहा कि हैड (दिमाग) हैंड (हाथ),
हार्ट (ह्रदय) तीनों का समन्वय आवश्यक है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा में उनके द्वारा 5 स – सोच, संपर्क, सामंजस्य, संस्कार और संकल्प का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस सकारात्मक सोच के जरिए एक श्रेष्ठ भारत का निर्माण किया जा सकता है जो सुनने में अच्छा लगता है लेकिन जब तक हमारी सोच ठीक नहीं होगी इसकी क्रियान्वित नहीं हो सकती।

सोलंकी ने कहा कि शिक्षा को राजनीति से अलग रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टी के एजेंडे में देश की शिक्षा नहीं होनी चाहिए बल्कि यह काम विद्यालय स्तर पर नींव से शुरू होना चाहिए।

आज देश की शिक्षा सरकार बनाने, उद्योग चलाने, व्यापार करने आदि के लिए है जबकि शिक्षा का मूल उद्देश्य राष्ट्र के साथ साथ जीवन मूल्यों का निर्माण एवं पहचान होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षा के जरिए ही राष्ट्र के प्रति अटूट आस्था को बनाए रखने की भी बात कही। उन्होंने की इस देश में जातिवाद से ऊपर उठकर देश के प्रति आस्था होनी चाहिए जो महत्वपूर्ण है।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने यूजीसी को भंग कर अब उच्च शिक्षा आयोग गठन करने का फैसला लिया है। यह भी भारत की कल्पना को क्रियान्वित करने का माध्यम बनेगा। इस अवसर पर प्रदेश के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।