भिवानी | हरियाणा के शिक्षा, पर्यटन एवं पुरातत्व विभाग के मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि हरियाणा विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता का केंद्र बिंदु है। उन्होंने कहा कि अब हड़प्पा-मोहनजोदड़ो की सभ्यता को विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता माना जाता रहा है लेकिन हिसार की राखीगढ़ी में की गई खुदाई से ऐसे अवशेष मिले है जो सिंधु सभ्यता से भी 900 वर्ष पुराने हैं। शर्मा आज पुरातत्व विभाग हरियाणा द्वारा पंचकूला में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के चौथे दिन प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।
कल 2 अगस्त के दिन सभी प्रतिभागियों को पंचकूला से जुड़े मोनुमैंटस का भ्रमण करवाया जायेगा। पुरातत्व मंत्री ने कहा कि यह विभाग छोटा होने के बावजूद इसका कार्य क्षेत्र बहुत ही विस्तृत है। उन्होंने कहा कि खंडहर कहे जाने वाले भवनों और स्थानों में भारतीय संस्कृति और सभ्यता की अमूल्य धरोहर छिपी है और इस पर शोध करके इसे सार्वजनिक किया जाना जरूरी हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा सरस्वती नामक ऐतिहासिक और पवित्र नदी की खोज के लिये गंभीरतापूर्वक प्रयास किये जा रहे है और इसरो द्वारा इन तथ्यों को प्रामाणित किया जा चुका है कि यमुनानगर के आदिबद्री से लेकर सिरसा तक, हनुमानगढ़ से लेकर जैसलमेर, गुजरात में कच्छ से लेकर प्रयाग संगम तक इस नदी के बहने का भौगोलिक इतिहास मौजूद है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में 20 नलकूपों के माध्यम से और राजस्थान में भाजपा सरकार के कार्यकाल में 40 नलकूलों के माध्यम से निकाले गये जल से सरस्वती नदी का भू तल में होना प्रमाणित हो चुका है।
उन्होनें कहा कि भारत के प्राचीन इतिहास से प्रमाणित है कि भारत विश्वगुरु रहा हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से पुन: विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि इग्लैंड और कनाडा जैसे देशों में भारतीय मूल के नागरिकों ने अपना राजनैतिक वर्चस्व बनाया है और अब पूरा विश्व भारत की हैसियत को स्वीकार करने लगा है।