सिरोही। मौका परस्ती ही राजनीति है। जो ये नहीं कर पाया वो संगठन में दरी बिछाने से ज्यादा कुछ नहीं कर पाता है। ऐसे उदाहरण हर पार्टी में मिल जाएंगे। सिरोही में भी मिल गए।
आज से करीब 11 महीने पहले सिरोही के स्वामीनारायण मंदिर में भाजपा किसान मोर्चा के सम्मेलन हुआ था। इसमें सिरोही शहर और आयोजन स्थल के मंच के पीछे जो होर्डिंग और बैनर लगे थे उनमें से वसुंधरा राजे का एक भी बैनर में फ़ोटो नहीं था।
पूनियां बनाम राजे शीत युद्ध का असर यहां भी नजर आया। ये आयोजन भाजपा के किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष गणपत सिंह ने करवाया था।
लेकिन, बुधवार के वसुंधरा राजे के सिरोही आगमन पर सारणेश्वर मंदिर में गणपत सिंह हाथ में गुलाब के फूलों की माला लेकर पहुंचे। इतना ही मंदिर की सीढ़ियां चढ़ने तक वो उनके इतने पास रहने कोशिश करते रहे कि किसी भी कैमरे की फ्रेम में से उनकी उपस्थिति राजे से ज्यादा दूर नहीं दिखे। राजे के आने से पहले गणपत सिंह के हाथ में गुलाब की माला देखकर कई लोग चुटकी भी लेते दिखे। लेकिन, झेंप जाए फिर वो नेता कैसा?