लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस में हैवानियत की शिकार पीड़िता के मामले में शुक्रवार रात पुलिस अधीक्षक समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि विशेष जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर को मामले में लापरवाही बरतने और शिथिल पर्यवेक्षण के लिए निलंबित कर दिया।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी राम शब्द, चंदपा थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उप निरीक्षक जगवीर सिंह और हेड मोहर्रिर महेश पाल को निलंबित कर दिया।
अवस्थी ने बताया कि सभी निलंबित पुलिसकर्मियों का पालीग्राफ टेस्ट और नार्को टेस्ट कराया जाएगा। निलंबित पुलिस अधीक्षक के स्थान पर शामली के एसपी विनीत जायसवाल को हाथरस भेजा गया है।
गौरतलब है कि हाथरस में हैवानियत की शिकार एक 19 वर्षीय लड़की की पिछले मंगलवार को दिल्ली के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच एसआईटी को सौंपी है जिसने प्रथम दृष्टया घटना को लेकर पुलिस के लापरवाह रवैये की पुष्टि की है जिसके आधार पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिसकर्मियों के निलंबन की कार्रवाई की गई है।
इससे पहले मामले में हाथरस के जिलाधिकारी के भी निलंबन की सूचना आ रही थी हालांकि अधिकृत सूत्रों ने इससे इंकार किया है। पीड़िता के परिजनो ने जिला प्रशासन और पुलिस पर दुर्व्यवहार और मारपीट का आरोप लगाया है जिसे जिलाधिकारी ने सिरे से नकार दिया है।
हाथरस में पीड़िता के गांव में पुलिस ने डेरा डाल रखा है। गांव में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों समेत किसी भी बाहरी के आने जाने से मनाही है। जिला प्रशासन का कहना है कि एसआईटी जांच प्रभावित न हो,इसलिए यह निर्णय लिया गया हालांकि भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने जिला प्रशासन के फैसले को बेतुका करार दिया है।
हाथरस की घटना और बाद में जिला प्रशासन की कार्रवाई को लेकर शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन विपक्ष के तेवर सरकार के प्रति तीखे रहे। कांग्रेस ने जहां बाल्मीकि मंदिर में जाकर पीड़िता के परिजनों के लिए प्रार्थना की वहीं समाजवादी पार्टी ने लखनऊ में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर भरोसा दिलाया कि प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
कुछ मोहरों को हटाने से क्या होगा योगी जी: प्रियंका
उत्तर प्रदेश में हाथरस के पुलिस अधीक्षक समेत पांच पुलिसकर्मियों के निलंबन के योगी सरकार के फैसले पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि कुछ मोहरों को हटाने से पीड़िता के परिजनों के जख्म नहीं भरेंगे।
वाड्रा ने शुक्रवार देर रात ट्वीट किया कि योगी आदित्यनाथ जी कुछ मोहरों को सस्पेंड करने से क्या होगा। हाथरस की पीड़िता, उसके परिवार को भीषण कष्ट किसके ऑर्डर पर दिया गया। हाथरस के डीएम, एसपी के फोन रिकार्ड्स पब्लिक किए जाएँ। मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से हटने की कोशिश न करें। देश देख रहा है। योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो।
इससे पहले समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाथरस के डीएम एसपी को हटाये जाने की संभावना व्यक्त की थी। यादव ने शुक्रवार शाम ट्वीट किया था कि हाथरस कांड में जनाक्रोश से डरी भाजपा अपने कृत्य छिपाने के लिए डीएम,एसपी को हटा सकती है। सपा की माँग है कि इन पर एफआईआर हो जिससे ये सच उगलें कि इन्होंने किसके दबाव में ऐसा किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों ने उप्र में डीएम-एसपी की कुछ नई गैंग को जन्म दिया है, पहले महोबा व अब हाथरस जिसके गवाह हैं। गौरतलब है कि हाथरस की घटना की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन किया था जिसे सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करनी है। एसआईटी ने आज अपनी पहली रिपोर्ट पेश की है जिसमें पुलिस की लापरवाही की बात सामने आई है जिसके आधार पर पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।