बेंगलुरु। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किस तरह से निपटना है यह उन्हें अब बखूबी समझ आ गया है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन गांधी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री से किस तरह से निपटना है यह मुझे समझ आ गया है। मैं समझ गया हूं कि जब वह सवालों के जवाब देने में असमर्थ होते हैं तो निजी हमला शुरू कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी के भीतर गुस्सा भरा हुआ है। वह गुस्सा सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि सबके लिए है। उनके लिए गुस्सा सिर्फ इसलिए है कि मोदी उन्हें अपने लिए ‘खतरा’ मानते हैं और इसी खतरे से विचलित होकर वह निजी स्तर पर हमला शुरू कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बारे में मेरी टिप्पणी पर मोदी ने जमकर तूफान मचाया। इसके पीछे मोदी का मकसद ध्यान बांटने का था।
मोदी के व्यक्तिगत हमलों संबंधी सवाल पर उन्होंने महात्मा बुद्ध की एक कथा भी पत्रकारों को सुनाई। इस कहानी में महात्मा बुद्ध उस व्यक्ति की बात पर प्रतिक्रिया देना बंद कर देते हैं जो उन पर गुस्सा करता है और उन्हें गालियां देता है।
उन्होंने कहा़ कि महात्मा बुद्ध कहते हैं कि गुस्सा आदमी के भीतर होता है और उससे गहनता तक जुड़ा होता है इसलिए वह गुस्सैल व्यक्ति की बात का जवाब नहीं देते, इससे गुस्सा फिर गुस्सैल व्यक्ति के भीतर ही लौट जाता है।
गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान पत्रकारों ने गांधी से सवाल किया था कि 2019 के चुनाव में कांग्रेस जीत हासिल करती है तो क्या वह प्रधानमंत्री बनेंगे। गांधी ने इसके जवाब में ‘हां’ कहा था। गांधी की इस स्वीकृति पर मोदी ने अपनी रैलियों में उनका जमकर मजाक उड़ाया और कहा कि गांधी को अब सिर्फ प्रधानमंत्री की कुर्सी ही नजर आती है।