अजमेर, 15 नवम्बर :- राजस्थान में अजमेर स्थित सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की महाना छठी आज दरगाह शरीफ पर धूमधाम, अकीदत एवं पारंपरिक तरीके से मनाई गई। छठी और जुम्मे रात होने के कारण आज जायरीनों की भीड़ उमड़ पड़ी।
दरगाह के आहता-ए-नूर में छठी की फातिहा की रस्म खुद्दाम-ए-ख्वाजा की ओर से अदा कराई गई। इसके बाद कुरान शरीफ की तिलावत व शिजराखवानी के साथ सलातो सलाम पेश किया गया। फातिहा के बाद ख्वाजा साहब की जीवनी, शिक्षा एवं संदेशों का बखान कर मुल्क और सूबे में अमन, चैन तथा खुशहाली की दुआ की गई और तवर्रुक भेंट किया गया।
आज संपन्न हुई महाना छठी पर विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए। यह इंतजाम दरगाह कमेटी की मांग पर पुलिस प्रशासन ने एहतियाती तौर पर किए। इसके पीछे जो कारण रहा वह दरगाह परिसर में पारंपरिक तरीके से सलाम पढ़ने को लेकर उपजे विवाद से निपटने के लिए रहा। दरअसल, अजमेर दरगाह शरीफ तथा उत्तरप्रदेश के बरेली स्थित आला हजरत दरगाह में दो अलग अलग सलाम पेश किए जाने की परंपरा है लेकिन पिछले दिनों बरेलवी विचारधारा के लोग वहाँ के सलाम को अजमेर दरगाह में पढ़ने का संदेश फैला रहे थे.
जिसको लेकर अजमेर स्थित खुद्दाम-ए-ख्वाजा के बीच बहस चल रही थी। बरेली की ओर से महाना छठी पर वहाँ के सलाम को पेश करनी की आशंका के चलते टकराव को टालने के उद्देश्य से सुरक्षा इंतजाम कराए गए लेकिन आज इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई।