नई दिल्ली। भारत की प्रमुख एफएमसीजी कम्पनियों में शुमार, हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेस (एचसीसीबी) ने कोरोना महामारी के दौरान एक महत्वपूर्ण काम को अंजाम देते हुए सफलतापूर्वक सात नए रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को प्रारम्भ किया।
कम्पनी की विभिन्न फैक्ट्रीज में इंस्टॉल किये गए ये प्रोजेक्ट्स, 2.35 करोड़ यूनिट्स की बिजली को साधन के तौर पर प्राप्त करने के हिसाब से डिजाइन किए गए हैं। यह कार्य विभिन्न राज्यों की ग्रिडस के जरिये पर्चेस पावर एग्रीमेंट (पीपीए) के साथ किया गया है। सौर, वायु तथा जैव ईंधन (बायोमास) द्वारा ऊर्जा प्राप्त करने वाले ये रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स, प्रति वर्ष करीब दो लाख टन्स कार्बन उत्सर्जन घटाने में कामयाब होंगे। इस तरह अब एचसीसीबी में रिन्यूएबल एनर्जी (नवीनीकरण ऊर्जा) संसाधनों से प्राप्त होने वाली कुल वार्षिक ऊर्जा में बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2019 के सात करोड़ मिलियन यूनिट्स की तुलना में यह इस वर्ष 9.3 करोड़ यूनिट्स पर पहुंच गई है।
एचसीबीसी के सप्लाई चेन के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आलोक शर्मा ने कहा, इन प्रोजेक्ट्स की सफलता, कम्पनी को सस्टेनेबल बनाने के हमारे प्रयासों की दिशा में प्रमुख मील का पत्थर साबित हुआ है। हमारी टीम निरन्तर रिन्यूएबल एनर्जी संसाधनों के दोहन के अवसर को भुनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह सही और आदर्श तरीके से व्यवसाय करने के लिए की गई हमारी प्रतिबद्धता का ही एक हिस्सा है और हम विश्वास करते हैं कि क्लीन और ग्रीन ऊर्जा का उपयोग, क्लाइमेट चेंज (मौसम परिवर्तन) के असर को कम करने में दिए जाने वाले योगदान की सही दिशा में उठाया गया कदम है।
इन प्रोजेक्ट्स में से एक सोलर रूफ पैनल भी है जो गुजरात की साणंद की फैक्ट्री में लगाया गया है। टाटा सोलर द्वारा कार्यरत यह सोलर पैनल करीब 1000 केडब्ल्यूपी की क्षमता रखता है। इसी तरह का एक और सोलर रूफ पैनल कम्पनी ने महाराष्ट्र में मुम्बई के समीप वाडा (1000 केडब्ल्यूपी क्षमता,) तथा तेलंगाना में हैदराबाद के निकट अमीनपुर (800 केडब्ल्यूपी क्षमता) में भी स्थापित किया है। इसके अलावा, एचसीसीबी ने सिलेन्ड्रो पावर प्राइवेट लिमिटेड, के साथ पावर पर्चेस एग्रीमेंट की ओर भी कदम बढ़ाए हैं जिसके तहत यह विजयवाड़ा की अपनी फैक्टरी में 60 लाख सोलर पावर यूनिट्स की सप्लाई करेगी।
एचसीसीबी, इसके अतिरिक्त दो अन्य अलग अलग प्राइवेट संस्थानों के साथ भी पावर पर्चेस एग्रीमेंट कर चुकी है, जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष 1.8 एमडब्ल्यू की वायु ऊर्जा को इसकी गुजरात मे एहमदाबाद के निकट स्थित गोब्लेज़ की फैक्ट्री में तथा 80 लाख यूनिट्स की वायु ऊर्जा को कर्नाटक के बैंगलुरू के समीप स्थित बिदादी की दो फैक्ट्रियों में काम में लिया जा रहा है।
इन सभी प्रोजेक्ट्स की एक महत्वपूर्ण विशिष्टता, दो वेपर एब्जॉर्प्शन मशीन्स (वीएएम) हैं जिनका उपयोग अहमदाबाद के निकट स्थित गोब्लेज़ फैक्ट्री तथा मुम्बई के पास स्थित वाडा फैक्ट्री में चिलिंग ऑपरेशन्स के लिए किया जाता है। लिथियम ब्रोमाइड का एक रेफ्रिजमेंट के तौर पर प्रयोग करते हुए, ये मशीनें वेस्ट (बेकार हो चुकी) स्टीम यानी भाप को ऊर्जा के एक ग्रीन सोर्स के रूप में काम मे लेती हैं। यह ऊर्जा ब्रेकेट बोइलर्स द्वारा उत्पन्न की जाती है जो कि पारंपरिक ग्रिड पावर का विकल्प है जिसे कम्प्रेशर को चलाने के लिए उपयोग में लाया जाता रहा है।
इसके पूर्व, एचसीसीबी की कुल 15 में से 13 फैक्ट्रियों ने 2019 में 100 प्रतिशत लैड लाइटिंग की प्राप्ति कर ली थी। इसके अतिरिक्त, कम्पनी अपने बॉईलर्स को चलाने के लिए सीएनजी ईंधन को अपना चुकी हैं।