बेंगलुरु। कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की अगुआई वाले कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार ने आज विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने विश्वास मत प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।
इस दौरान विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। भाजपा सदस्यों ने इससे पहले मुख्यमंत्री द्वारा विपक्ष के नेता पर टिप्पणी के बाद सदन से बहिर्गमन कर दिया था।
कुमारस्वामी ने अपने प्रारंभिक उद्बोधन में जोर दिया कि गठबंधन सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि उनका कोई निजी एजेंडा नहीं है और उन्होंने राज्य के कल्याण एवं विकास के लिए सत्ता संभाली है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा किसी भी तरह सत्ता में आने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का प्रयास कर रही है। उन्हाेंने भाजपा के ही लोकतंत्र का रक्षक होने संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर उन पर आरोप लगाया कि वह (प्रधानमंत्री) चाहते हैं कि लोग यह सुनिश्चित करें कि केंद्र और राज्य में समान पार्टी की सरकारें हो।
उन्होंने किसानों की कर्जमाफी को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि गठबंधन सरकार में सहयोगी कांग्रेस के साथ विचार-विमर्श के बाद इस दिशा में हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने हालांकि कर्ज माफी के लिए कोई समय-सीमा नहीं बताई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं को सुलझाने के लिए पूरा प्रयास करेगी और लोगों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
दूसरी तरफ विपक्ष के नेता बी एस येद्दियुरप्पा का कहना है कि कर्ज माफी के संबंध में राज्य सरकार 28 मई से पूर्व घोषणा करें अन्यथा राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
कुमारस्वामी ने कहा कि वह कांग्रेस की ओर से बिना शर्त समर्थन और अनुरोध पर सरकार की अगुआई करने के लिए राजी हुए हैं। न केवल गठबंधन सरकार की सफलता सुनिश्चित की जाएगी, बल्कि कर्नाटक को देश का ‘मॉडल स्टेट’ बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जद(एस) के घोषणापत्र में किए गए वादों के अलावा कांग्रेस की ओर से घोषित नए कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जाएगा। इसके साथ ही पूर्ववर्ती सिद्दारामैया सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों को भी जारी रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोई भी एकपक्षीय निर्णय नहीं लिया जाएगा और प्रत्येक फैसला गठबंधन सहयोगी के साथ चर्चा के बाद ही लिया जाएगा। कुमारस्वामी ने केंद्र को चेतावनी दी कि अगर वह सत्ता में नहीं आ पाने को लेकर बदले की कार्रवाई करती है और प्रवर्तन निदेशालय एवं आयकर विभाग का दुरुपयोग करती है तो उसे इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्हाेंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार बड़ी संख्या में झूठ का प्रसार कर रही है।