अजमेर। मंदिरों, मस्जिद और गुरुद्वारों में भीड कम होती जा रही है, पर क्लब, सिनेमाघर और महखाने भरे होते हैं। वैज्ञानिक प्रगति परवान चढ रही है लेकिन नैतिक पतन को थामने वाला कोई नहीं। हर आम और खास आदमी को खुशनुमा जीवन चाह है लेकिन उसके हिस्से में दुख और परेशानी आ रही है। आखिर हम किस और जा रहे हैं। इसी का जवाब और जीवन को खुशी से भर देने का मौका 21 फरवरी से 1 मार्च तक आजाद पार्क में आयोजित होने वाले हैल्थ वैल्थ हैप्पीनेस आध्यात्मिक मेले में मिलेगा।
नवाब का बेडा स्थित प्रजापति ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय वैल्य एजेूकेशन ट्रेनिंग सेन्टर की ओर से आजाद पार्क में आयोजित होने वाले में प्रतिदिन सुबह 10 बजे से रात्रि 9 बजे तक प्रवेश निशुल्क रहेगा। मेला स्थल पर खुशनुमा जीवन जीने की कला विषयक निशुल्क राजयोग शिविर का लाभ भी उठा सकेंगे। इस शिविर के लिए सुबह 6:30 से 7:30, दोपहर 11 बजे से 12 बजे और शाम 7 बजे से 8 बजे तक विशेष व्यवस्था रहेगी। आगंतुक अपनी सुविधा से निर्धारित समय पर आ सकेंगे।
18 फरवरी को दोपहर 3 बजे गवर्नमेंट कॉलेज से भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा तथा दिनांक 19 फरवरी को शाम को 4 से 6 बजे तक आदर्श डिग्री कॉलेज नवाब का बेड़ा में अजमेर से जुड़े हुए समाज सेवा समुदाय का स्नेह मिलन कार्यक्रम होगा। 20 फरवरी को दोपहर 1 से 2 बजे तक आजाद पार्क में मीडियाकर्मियों के लिए कार्यक्रम रखा गया है।
ये होंगे मेले के मुख्य आकर्षण
अमरनाथ गुफा
32 फीट उंटा शिवलिंग
12 ज्योतिर्लिंगम दर्शन
27 फीट के कुंभकरण का लाइव शो
विज्ञान प्रदर्शनी
स्वर्ग के दिव्य दर्शन
हैल्थ वैल्थ हैप्पीनेस स्टाल
सृष्टि चक्र दर्शन
व्यसन मुक्ति प्रदर्शनी
समाज सेवा प्रदर्शनी
चिंगारी में अंगार है सादगी में श्रंगार है
इस आध्यात्मिक मेले के बारे में जानकारी देते हुए अंबाला से आए बीके करण भाई ने कहा कि चिंगारी में अंगार है सादगी में श्रंगार है। सादगी पूर्ण जीवन जीने की बजाय यदि हम दूसरी राह पकडेंगे तो परेशानियां और दुख साथ आएंगे ही। जीवन की आपाधापी के बीच यूथ के लिए वैल्यू की बातें, पति और पति के लिए शुक्रिया जैसे सहज शब्द की अनुभूति तथा धार्मिक यात्रा का सपना संजोने वालों के लिए अमरनाथ का अहसास तथा ज्योर्तिलिंग के दर्शन का लाभ मेले में मिल सकेगा। कुंभकरणी नींद से कैसे जगे इसका संदेश देने वाले नाटक का मंचन भी आंनद देने वाला होगा। मेले में जन्नत की परिकल्पना, सुख और शांति का परिदृश्य देखने को मिलेगा। प्रेम, भाईचारा, झगडा मुक्त समाज, और स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन ध्येय का संदेश देने के लिए इस अनूठे मेले का आयोजन किया जा रहा है।
खुशियों का आधार आध्यात्मिकता
बीकानेर से आई बीके विजय दीदी, बीके योगिनी बहन ने बताया कि प्रत्येक मनुष्य में अंतर्मन में यह कामना होती है कि वह अपने जीवन में अधिकतम खुशियां बटोर ले। प्रार्थना से पूजा तक और व्यवसाय से व्यवहार तक उसके द्वारा जितने भी कार्य किए जाते हैं वे सभी जीवन में सुख और खुशियां प्राप्त करने से ही संबंधित होते हैं। उसकी सोच यही रहती है कि अधिकाधिक साधन, सुविधाओं को जुटाने से सुख, शांति, स्वास्थ्य और खुशी प्राप्त हो सकती है लेकिन मनुष्य यह नहीं जानता कि जीवन को खुशियों से भरना उसके स्वयं के हाथ में है, जिसका आधार आध्यात्मिकता है। आध्यात्मिकता के नूर से जीवन को रोशन किया जा सकता है।
मन से तनाव को कैसे दूर करें, संबंधों को मधुर कैसे बनाएं, मन को परमात्मा से जोडकर कैसे जीवन में सच्चा सुख और शांति की अनुभूति करे, जीवन को स्वस्थ्य एवं खुशनुमा कैसे बनाएं। इन सभी प्रश्नों के उत्तर पाने और परमात्म प्यार एवं शक्तियों का अनुभव करने के लिए इस मेले में सभी का स्वागत है। इस मेले में भारत के प्रसिद्ध तकनीकी कलाकारों द्वारा निर्मित सुंदर, सुसज्जित, कलात्मक मूर्तियां, मनमोहक चलित मॉडल, शिक्षाप्रद चित्रों के माध्यम से मानव जीवन के दार्शनिक, आध्यात्मिक तथा विश्व परिवर्तन के तथ्यों को वैज्ञानिक एवं मनोवैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा।