नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बैंकों के लोन मोरेटोरियम मामले की सुनवाई 18 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई गुरुवार को जैसे ही शुरू हुई, याचिकाकर्ता ने इस दिशा में सरकार द्वारा कदम उठाए जाने की सराहना की। याचिकाकर्ता ने चक्रवृद्धि ब्याज से छूट के लिए वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का आभार व्यक्त किया।
केंद्र की ओर से पेश हो रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वेंकटरमण ने खंडपीठ से कहा कि श्री मेहता सेंट्रल विस्टा परियोजना से संबंधित मामले की सुनवाई में व्यस्त हैं, इसलिए सुनवाई को टाल दिया जाए।
इसी बीच बिजली सेक्टर की कंपनियों की ओर से पेश हो रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पूरा विद्युत सेक्टर समस्याओं से गुजर रहा है। जबकि रिजर्व बैंक ने कहा कि गैर निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) की घोषणा पर प्रतिबंध के कारण उसे बहुत दिक्कत हो रही है।
न्यायालय ने कहा कि रिजर्व बैंक इस बिंदु पर अगली सुनवाई को अपना पक्ष रख सकता है। इसी बीच वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे भी कुछ दलील देते सुने गए, लेकिन तब तक खंडपीठ ने सुनवाई 18 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।