Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Hearing on death warrant postponed till January 7 in Nirbhaya case - Sabguru News
होम Breaking निर्भया केस में डेथ वारंट पर सुनवाई सात जनवरी तक टली

निर्भया केस में डेथ वारंट पर सुनवाई सात जनवरी तक टली

0
निर्भया केस में डेथ वारंट पर सुनवाई सात जनवरी तक टली
notice to the four convicts of Nirbhaya, hearing on Thursday
Hearing on death warrant postponed till January 7 in Nirbhaya case
Hearing on death warrant postponed till January 7 in Nirbhaya case

नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने निर्भया मामले के दोषियों के डेथ वारंट पर सुनवाई सात जनवरी तक टाल दी है।

न्यायालय ने तिहाड़ जेल प्रशासन से चारों दोषियों को नोटिस जारी करने काे कहा है ताकि दोषी सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर सकें। इसे देखते हुए अब इनकी फांसी की सजा सात जनवरी तक टल गई है। दरअसल निर्भया के माता- पिता ने न्यायालय से दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा की मांग करते हुए डेथ वारंट जारी करने की गुहार लगाई थी।

तिहाड़ जेल प्रशासन अब दोषियों को नोटिस जारी कर पूछेगा कि क्या वे नये सिरे से दया याचिका दायर करना चाहते हैं।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा की अदालत ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की थी।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने राजधानी के निर्भया दुष्कर्म मामले के गुनाहगार अक्षय सिंह की पुनर्विचार याचिका आज खारिज कर दी और उसकी फांसी की सजा बरकरार रखी।

उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने अक्षय की पुनर्विचार याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि याचिका में कोई दम नहीं है।

न्यायमूर्ति भानुमति ने खंडपीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा, “ याचिकाकर्ता को हमने नये तथ्य पेश करने के लिए पर्याप्त मौका दिया। हमने हर आधार पर विचार किया है। याचिकाकर्ता ने सबूतों को स्वीकार करने की मांग की है। इन आधारों पर पहले विचार किया जा चुका है। फिर से इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। इन सभी का परीक्षण निचली अदालत, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में पहले ही किया जा चुका है।”

उन्होंने कहा, “ पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है। फांसी की सजा बरकरार रहेगी।” इसके बाद अक्षय के वकील ए पी सिंह ने न्यायालय से संशोधन याचिका दायर करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया और कहा कि इसके लिए केवल एक सप्ताह का वक्त निर्धारित है।

न्यायमूर्ति भानुमति ने कहा कि वह इस मामले में कोई राय नहीं दे रही हैं। याचिकाकर्ता को निर्धारित कानून के दायरे में संशोधन याचिका दायर करने की अनुमति है। इस मामले के तीन अन्य दोषी विनय, मुकेश और पवन की पुनर्विचार याचिकाएं पहले ही खारिज की जा चुकी हैं।

गौरतलब है कि 16 दिसम्बर 2012 को राजधानी में निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार किये जाने के बाद उसे गम्भीर हालत में फेंक दिया गया था। दिल्ली में इलाज के बाद उसे एयरलिफ्ट करके सिंगापुर के महारानी एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गयी थी। इस मामले के छह आरोपियों में से एक नाबालिग था, जिसे सुधार गृह भेजा गया था। उसने वहां से सजा पूरी कर ली थी। एक आरोपी ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी।