नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगों में मारे गये कांग्रेस विधायक एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी की याचिका की सुनवाई पर दो सप्ताह के लिए मंगलवार को रोक लगा दी।
जाकिया जाफरी ने गुजरात दंगों में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य उच्च पदाधिकारियों को क्लीन चिट देने वाली संबंधित विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से किए गए अनुरोध पर सुनवाई टालने पर रजामंदी जता दी।
गुजरात के गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी हत्याकांड में मारे गए कांग्रेस विधायक एहसान जाफ़री की पत्नी ने एसआईटी रिपोर्ट को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें गोधरा हत्याकांड के बाद सांप्रदायिक दंगों को भड़काने के लिए राज्य के अधिकारियों द्वारा किसी भी बड़ी साजिश से इनकार किया गया था। गुजरात उच्च न्यायालय के पांच अक्टूबर, 2017 को जाकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।