मुंबई। महाराष्ट्र के नवी मुंबई में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह के दौरान लू और गर्म हवा के थपेड़ों के कारण 11 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
नवी मुंबई के खारघर में रविवार को आयोजित इस सम्मान समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. अप्पासाहेब धर्माधिकारी को इस पुरस्कार से नवाजा। सम्मान समारोह के दौरान लू लगने से 11 लोगों की मौत हो गई। कई लोगों की हालत गंभीर है और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अब भी 100 से ज्यादा लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंधे ने ट्वीट कर सरकार की आलोचना की और कहा कि लोग परेशान थे, क्योंकि सम्मान समारोह अप्रैल की भीषण गर्मी में अपराह्न में आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम के दौरान ही कई लोग चक्कर आने के कारण गिर पड़े, जबकि कई लोगों को उल्टी भी हुई। बीमारों में से कई लोगों का खारघर के टाटा अस्पताल, पनवेल के उपजिला अस्पताल और मेडी कवर अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। रिपोर्ट मिली है कि कुछ लोगों को एमजीएम अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है। इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अस्पतालों में भर्ती लोगों से मुलाकात की।
शिंदे ने की सहायता राशि की घोषणा
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सामाजिक कार्यकर्ता अप्पासाहेब धर्माधिकारी के सम्मान समारोह में लू के कारण 11 प्रशंसकों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए सोमवार को मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की।
शिंदे ने कहा कि अप्पासाहेब धर्माधिकारी के 11 प्रशंसकों की उपचार के दौरान मौत होना अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता देगी और अस्पताल में इलाज करा रहे सदस्यों के इलाज का खर्च वहन करेगी।
गौरतलब है कि घटना की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री अस्पताल पहुंचे और इलाज करा रहे मरीजों से बातचीत की। वहां उन्होंने डॉक्टरों से भी बातचीत की और इलाज के बारे में जानकारी ली। एमजीएम अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए पनवेल नगर निगम के उपायुक्त स्तर के अधिकारी को नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है। शिंदे ने निर्देश दिए कि मरीजों औ परिजनों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, यह सुनिश्चित किया जाए।