उदयपुर। दक्षिण राजस्थान में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश के चलते संभाग का सबसे बड़ा माही बांध लबालब हो गया जिससे इसके सभी 16 गेट खोल दिए गए हैं।
रविवार दिन में इसके 14 गेट 6-6 मीटर तथा दो गेट आधा-आधा मीटर खोलकर पानी की निकासी की गई। इस बार उदयपुर संभाग में मानसून मेहरबान है। शनिवार दोपहर से शुरू हुई बारिश रविवार को दोपहर बाद थमी। इससे वागड़ अंचल के दोनों जिलों (बांसवाड़ा-डूंगरपुर) में इस दौरान जमकर बारिश हुई।
माही बांध या माही बजाज सागर परियोजना वागड़ विकास के भगीरथ पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत हरिदेव जोशी द्वारा दी गई एक अविस्मरणीय सौगात है। वर्ष 1984 में इस परियोजना के निर्माण के बाद नहरों में पहली बार सिंचाई के लिए जल प्रवाहित किया गया था।
बांध की कुल लंबाई 3.10 किलोमीटर है जिसमें से 2.60 किलोमीटर मिट्टी का बांध एवं 0.42 किलोमीटर पक्का बांध बनाया गया है। बांध के पूरा भरने की स्थिति में जल निकासी के लिए 16 गेट लगाए गए हैं।
इसी प्रकार, बांध से निकाली गई दायीं एवं बायीं मुख्य नहरों से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के साथ-साथ विद्युत उत्पादन भी किया जाता है। बांध पर जल विद्युत गृह प्रथम (2 गुणा 25 मेगावाट) बांसवाड़ा से 8 किमी दूर तथा द्वितीय विद्युत गृह (2 गुणा 45 मेगावाट) बागीदौरा के समीप लीलवानी में स्थित है।
मौसम विभाग के अनुसार वागड़ अंचल में रविवार सुबह समाप्त हुए पिछले चौबीस घंटों में सर्वाधिक 362 मिमी वर्षा आसपुर में दर्ज हुई है। इसी प्रकार साबला में 202 मिमी, निठाउवा में 195, भूंगड़ा में 140, जगपुरा में 137, दानपुर में 128, बांसवाड़ा एवं गणेशपुर में 122, घाटोल में 111 मिमी वर्षा दर्ज हुई। अन्य सभी स्थानों पर एक से दो इंच वर्षा की सूचना है।