पटना बिहार में पिछले चौबीस घंटे से लगातार कहर बनकर बरप रही भारी बारिश राजधानी पटना समेत 16 से अधिक जिले के लोगों को आज जी भर के रुला रही है।
पटना के बोरिंग रोड, बेली रोड, पाटलिपुत्र कॉलोनी, कंकड़बाग, राजेंद्र नगर, पटना विश्वविद्यालय, महेंद्रू, गांधी मैदान, डाक बंगला चौराहा समेत लगभग पूरे इलाके में भारी बारिश के कारण हुए जलजमाव ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के राजेंद्र नगर स्थित आवास में भी पानी प्रवेश कर गया है।
लोगों का घर से बाहर निकलना मुहाल हो गया है। सड़कों पर दो से तीन फुट तक पानी जमा हो गया है। कई इलाकों में वाहनों का परिचालन पूरी तरह ठप है। बिजली आपूर्ति, टेलीफोन और इंटरनेट सेवा बाधित है। पटना सिटी इलाके में नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (एनएमसीएच) में भी बारिश का पानी प्रवेश कर गया है। मरीजों को किसी अन्य स्थान पर भेजा जा रहा है।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने यहां बताया कि राजधानी पटना के लोगों को जब तक बहुत जरूरी न हो तब तक घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण निचले इलाके में जमा हुए पानी को निकालने के लिए सभी सम्प हाउस बीती रात से क्रियाशील हैं।
अमृत ने कहा कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यदि बारिश में फंसा कोई व्यक्ति अपने किसी रिश्तेदार के यहां जाना चाहें तो उनके लिए ट्रैक्टर और बसों की व्यवस्था की गई है।
पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने भारी बारिश के कारण जिले के सभी सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थानों को 30 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है। वहीं, किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पटना में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम के अलावा अन्य 18 जिलों में भी एक-एक टीम तैनात की गई है। जिला प्रशासन ने लोगों की सहायता के लिए कंट्रोल रूम का टेलीफोन नंबर 0612-19810, 2294204 और 2294205 जारी किया है। इस बीच बारिश की भयावह स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपदा प्रबंधन विभाग की आपात बैठक बुलाई है।
लगातार हो रही भारी बारिश ने बाढ़ की चपेट में आये भागलपुर, मुंगेर, छपरा, दरभंगा, मधुबनी समेत कई जिलों की स्थिति और खराब कर दी है। इन जिलों के सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं। प्रखंड, अंचल एवं थाना कार्यालयों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। भारी बारिश के कारण गंगा समेत कई नदियों के जलस्तर में और वृद्धि हो गयी है। इस बारिश ने कल से शुरू हो रहे नवरात्र में पूरे राज्य में दुर्गा मां की बन रही मूर्तियों और पंडाल के लिये भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। जगह-जगह पर पहले से बन रहे पूजा पंडाल में पानी प्रवेश कर गया है।
इस बीच बारिश की भयावह स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपदा प्रबंधन विभाग की आपात बैठक बुलाई है।
लगातार हो रही भारी बारिश ने बाढ़ की चपेट में आये भागलपुर, मुंगेर, छपरा, दरभंगा, मधुबनी समेत कई जिलों की स्थिति और खराब कर दी है। इन जिलों के सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं। प्रखंड, अंचल एवं थाना कार्यालयों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। भारी बारिश के कारण गंगा समेत कई नदियों के जलस्तर में और वृद्धि हो गयी है।
इस बारिश ने कल से शुरू हो रहे नवरात्र में पूरे राज्य में दुर्गा मां की बन रही मूर्तियों और पंडाल के लिये भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। जगह-जगह पर पहले से बन रहे पूजा पंडाल में पानी प्रवेश कर गया है।दरभंगा और समस्तीपुर से यहां प्राप्त सूचना के अनुसार, भारी वर्षा के कारण पूर्व-मध्य रेलवे के समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर किसनपुर-रामभद्रपुर स्टेशन के बीच पुल संख्या 12 के निकट मिट्टी धंसने के कारण करीब छह घंटे तक ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा। हालांकि रेलवे टीम की कड़ी मशक्कत के बाद आज सुबह नौ बजे इस रेलखंड पर ट्रेन सेवा बहाल कर दी गयी है।
पूर्व मध्य रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बाधित ट्रेनों मे 3185 गंगा सागर एक्सप्रेस समेत कुल 24 ट्रेनें शामिल है। इसके साथ ही भारी बारिश के कारण कई रेलगाड़ियों के परिचालन को आज रद्द कर दिया गया है ।
मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने राज्य के 16 जिलों में शनिवार को भारी बारिश की आशंका जताई है। अलर्ट में कहा गया है कि राज्य में एक या दो स्थानों पर 21 सेंटीमीटर से भी अधिक बारिश होने की संभावना है।
विभाग ने अलर्ट को तीन श्रेणी में बांटा है, जिनमें रेड ऑरेंज और येलो श्रेणी शामिल है। रेड श्रेणी में 16 जिले पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा और भागलपुर शामिल हैं।
इसी तरह ऑरेंज श्रेणी वाले जिलों में में कुछ स्थानों पर सात से 11 सेंटीमीटर तक भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इस श्रेणी के जिलों में सिवान, पूर्णिया, कटिहार, वैशाली, बक्सर, मुंगेर, भोजपुर और बेगूसराय शामिल है। तीसरी येलो श्रेणी में 11 जिले हैं, जिनमें मुंगेर, जमुई, नालंदा, जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, अरवल, शेखपुरा और लखीसराय शामिल है। हाल के दिनों में बारिश को लेकर यह एक बड़ा अलर्ट है। पटना को केवल रविवार के लिए ऑरेंज श्रेणी के अलर्ट में रखा गया है।
मुजफ्फरपुर से यहां प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटे से रुक-रुक कर हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। बारिश के कहर को देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियातन जिले के सभी स्कूलों को 30 सितंबर तक बंद रखने का निर्देश दिया है।
वहीं, दरभंगा और भागलपुर एवं अन्य जिला प्रशासन ने भी अलर्ट के मद्देनजर 28 सितंबर को सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (डीएमसीएच) का प्रथम तल लगभग डूब गया है। मरीजों को दूसरे और तीसरे तल पर पहुंचाया गया है। अस्पताल की अन्य सुविधाएं पूरी तरह से बाधित हो गयी हैं। सड़कों पर जलजमाव इतना अधिक है कि बाहर के मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसके अलावा दरभंगा टावर, नगर निगम, नगर भवन, बंगाली टोला, वीआईपी पथ में स्वीट होम चौक, सदर थाना परिसर सदर प्रखंड कार्यालय पूरी तरह पानी में डूब चुका है।
भारी वर्षा को लेकर दरभंगा जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन के निर्देश पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। जिला मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है, जहां सूचनाओं के संग्रहण के साथ-साथ राहत एवं बचाव कार्य का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण किया जा रहा है।
इधर, समस्तीपुर में अतिवृष्टि को देखते हुए जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में आज से 30 सितंबर तक शिक्षण कार्य बंद रखने का आदेश दिया है। वहीं, भारी बारिश के कारण जिले के मोहिउद्दीननगर, मोहनपुर और विधापतिनगर प्रखंडों के बाढ़ग्रस्त 15 पंचायतों के 30 गांवों में भारी तबाही मची है। लगातार हो रही वर्षा से बाढ़ पीड़ितों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य किये जा रहे हैं।
इस बीच केंद्रीय जल आयोग के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य में गंगा समेत सात नदियां कई स्थानों पर लाल निशान से ऊपर हैं। गंगा पटना के दीघा घाट, गांधी घाट, मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में, कोसी बालतारा एवं कुरसेला में, महानंदा ढींगराघाट एवं जावा में, बागमती ढेंगब्रिज, सैदपुर एवं बेनीबाद में, बूढ़ी गंडक खगड़िया में, कमला बलान जयनगर में तथा सोन नदी पटना के निकट मनेर में लाल निशान से ऊपर है।