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जनता से अरबों रुपया हड़पने वाला कम्पनियों का जीएम व टीम प्रमुख लखनऊ से अरेस्ट - Sabguru News
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जनता से अरबों रुपया हड़पने वाला कम्पनियों का जीएम व टीम प्रमुख लखनऊ से अरेस्ट

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जनता से अरबों रुपया हड़पने वाला कम्पनियों का जीएम व टीम प्रमुख लखनऊ से अरेस्ट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स और विभूतिखण्ड पुलिस ने मल्टीलेवल मार्केटिंग के माध्यम से जनता से अरबों रूपए हड़पने वाली रियल स्टेट आदि कम्पनियों के महाप्रबंधक और टीम प्रमुख को आज शाम लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ प्रवक्ता ने बताया कि मल्टीलेवल मार्केटिंग के माध्यम से जनता से अरबों रूपए हड़पने वाली रियल स्टेट कम्पनियों, शाइन सिटी, इनफिनिटी वर्ड इन्फ्रा प्रालि (हैलो राइड), वास्तुम इन्फ्रालैण्ड इण्डिया आदि के महाप्रबंधक (जीएम) मोती नगर निवासी सिद्वार्थ उप्रेती व मलिहाबाद इलाके के केवलहार निवासी टीम लीडर आसिफ खान को लखनऊ के विभूतिखण्ड इलाके से बृहस्पतिवार शाम गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों के पास से चार मोबाइल फोन और अन्य कागजात के अलावा एक लाख 25 हजार 500 सौ तीस रुपए तथा एक एसयूवी कार बरामद की।

उन्होंने बताया कि एसटीएफ को काफी समय से कम समय में धन दोगुना करने का प्रलोभन देकर मल्टीलेवल मार्केटिंग के माध्यम से लोगों से अरबों रूपए हड़पने वाली रियल स्टेट कम्पनियों के जीएम सिद्वार्थ उप्रेती व टीम लीडर आसिफ खान के लखनऊ में होने की सचूनाएं प्राप्त हो रही थीं।

इस सम्बन्ध एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम के पर्यवेक्षण मे मुख्यालय स्थित साइबर टीम को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में सूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि मल्टीलेवल मार्केटिंग के माध्यम से जनता से अरबों रूपए की ठगी करने वाली रियल स्टेट कम्पनियों के महाप्रबंधक सिद्वार्थ उप्रेती व टीम लीडर आसिफ खान लखनऊ मे मौजूद हैं, जिन पर लखनऊ के अलग अलग थानों पर दर्जनों मुकदमे पंजीकृत है। इस सूचना के बाद एसटीएफ और विभूतिखण्ड थाना पुलिस ने संयुक्त रुप से बताए गए स्थान पर पहुंचकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

प्रवक्त ने बताया कि गिरफ्तार सिद्वार्थ उप्रेती ने बताया कि वर्ष 2009 में इण्टरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद उसने 2011 में रिलायंस लाइफ इंश्योरेंश कम्पनी लखनऊ मे ज्वाइन किया और 2013 तक काम किया। उसके बाद 2015 में उसने रियल स्टेट कम्पनी वसुन्धरा रियल स्टेट ज्वाइन कर और वर्ष 2017 तक वहां काम किया। बाद में 2018 मे इनफिनिटी वर्ड इन्फ्रा (हैलो राइड), में जी एम के पद पर ज्वाइन किया इस कम्पनी मे जब लगभग 500 करोड़ रूपए जमा हो गए तो हम लोगों ने कम्पनी बंद कर दी और कम्पनी के सीएमडी अभय कुशवाहा फरार हो गए।

उन्होंने बताया कि उसके बाद उप्रेती ने 2019 में वास्तुम इन्फ्रालैण्ड इण्डिया प्रालि में भी जीएम के पद पर ज्वाइन किया। इस कम्पनी ने रूपए इनवेस्ट करने पर 13 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से वापस करने का प्रलोभन देकर लगभग 200 करोड़ रूपए जमा कराकर अक्टूबर 2019 मे रूपया क्लाइंट को वापस करना बंद कर दिया।

इसके बाद फरवरी 2020 में एसटीएफ ने मुकेश सिंह, सीएमडी वास्तुम इन्फ्रालैण्ड इण्डिया की गिरफ्तारी के बाद से वह पुलिस से छिपकर रह रहा था। मुकेश सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसपर व कम्पनी पर अनेक मुकदमे पंजीकृत हुए।

गिरफ्तार अभियुक्त आसिफ खान उपरोक्त ने बताया कि उसने 2008 में कालीचरन डिग्री कालेज चौक से बीए पास करने के बाद 2010 में स्वास्तिक रियल स्टेट कम्पनी ज्वाइन किया। यहां इसकी मुलाकात राशिद नसीम से हुई जो कंपनी में जीएम सेल्स था। इस कम्पनी में आसिफ खान ने वर्ष 2013 तक लगभग एक करोड़ रूपए जमा कराया। यहां पर मेरा कमीशन 6 प्रतिशत था। इसके बाद राशिद नसीम ने 2013 में अपनी खुद की कम्पनी शाइन सिटी बनाई।

उन्होंने बताया कि शाइन सिटी में आसिफ टीम लीडर के पद पर नियुक्त किया और 2016 तक उसने इस कम्पनी मे लगभग 40 करोड रूपए जमा कराए। यहां पर उसे कमीशन 6.3 प्रतिशत मिलता था। इसे इस कम्पनी द्वारा मर्सिडीज, बीएमडब्लू, इंडीवर तीन गाड़िया फाइनेंस कराकर यह दिखाकर दी गई कि जो उसे बिजनेस की वजह से ये गाडियां गिफ्ट की गई थी। जिससे क्लाइंट को प्रभावित किया जा सके और अधिक से अधिक रूपए कम्पनी के खातों में जमा कराया जा सके।

वर्ष 2016 में उसने यह कम्पनी छोड़ कर 2017 अपनी खुद की कम्पनी मार्टिजा, साइबर हाइट्स, विभूतिखण्ड मे खोली लेकिन उसे करोड़ों का नुकसान हो गया। इसके बाद उसने 2019 में वास्तुम इन्फ्रालैण्ड इण्डिया प्रालि में टीम लीडर के पद पर ज्वाइन किया और कमीशन पर काम किया। उसने लगभग 30 करोड रूपए जमा कराया लेकिन अक्टूबर 2019 में इस कम्पनी ने क्लाइंट को रूपए देना बंद कर दिया और फरवरी 2020 में एसटीएफ द्वारा मुकेश सिंह की गिरफ्तारी के बाद वह भी पुलिस से छिप कर रह रहा था।

प्रवक्ता ने बताया कि इन लोगों पर अन्य थानों व जिलों में कितने मुकदमें दर्ज के बारे में जानकारी की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।