अजमेर/जयपुर। आजादी के आंदोलन में हंसते हंसते अपने प्राणों की बाजी लगाकर फांसी के फंदे पर झूलकर हेमू कालाणी ने देश को आजाद करवाया। उनकी शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। देशभर में उन्हें श्रृद्धासुमन अर्पित कर भारतीय सिन्धु सभा की ओर देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए गए। संसद में भी हेमू कालाणी की मूर्ति पर श्रृद्धासुमन अर्पित किए गए।
इस अवसर पर राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि इतिहास में आज भी हेमू कालाधाी के बलिदान से देशभक्ति का जज्बा मिलता है और युवाओं को देशभक्ति की प्रेरणा मिलती है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष लधाराम नागवाणी व गुजरात प्रदेश अध्यक्ष मुकेश लखवाणी ने बताया कि संसद में शहीद हेमू कालाणी की मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
सभी ने भारत माता की जय, हेमू कालाणी का बलिदान याद करेगा हिन्दुस्तान जैसे गगनभेदी नारों से कार्यक्रम को गूंजायमान कर दिया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवीलाल लालवाणी ने देशभक्ति कविता जागो जवानो देश पुकारे, खून में आणयो रवानी…..प्रस्तुत की। वसणशाह दरबार के सांई जगदीशलाल ने ऐसे कार्यक्रमों के लिए भारतीय सिन्धु सभा के कार्यकताओं के प्रयासों की सराहना की एवं हेमू कालाणी को श्रृद्धासुमन अर्पित किए।
प्रदेशाध्यक्ष राजेश आसवाणी ने स्वागत भाषण व कार्यकारी अध्यक्ष राजन नागपाल ने आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का सफल संचालन महामंत्री मनोज गोगिया ने किया।
इस अवसर पर महासचिव ओम कुकरेजा, भूमिका गोगिया, प्रदीप नागपाल, हिमांशु नागपाल, पूजा मोटवाणी, अंजलि तुलस्यिाणी, जय नागवाणी सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
हेमू कालानी के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि श्रृंखला का आयोजन
जयपुर। भारतीय सिंधु सभा जयपुर महानगर द्वारा अमर शहीद हेमू कालानी के 78वें बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि श्रृंखला का आयोजन किया गया। 23 मार्च 1923 को जन्मे हेमू कालानी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए 21 जनवरी 1943 को अपना बलिदान दिया था।
जयपुर में सिन्धु सभा द्वारा कुल 26 स्थान पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। 20 जनवरी सायंकाल 11 अलग अलग स्थान पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। 10 स्थान पर आज सुबह कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शाम को 5 स्थान पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
मानसरोवर के हेमू कलाणी पार्क में आयोजित श्रद्धांजलि ए दीपदान कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक कैलाश, पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा, इंद्र कुमार रामानी सुंदरदास पेरवानी प्रिया ज्ञानानी सुरेश राम रथयानी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।