नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके झूठ के कारण 12 राज्यों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हुई, अगर इन राज्यों को ऑक्सीजन मिल जाता तो बहुत लोगों की जान बच सकती थी।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा शुक्रवार को यहाँ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री केजरीवाल ने ऑक्सीजन को लेकर दूषित राजनीति करके जघन्य अपराध किया है, इस आपराधिक लापरवाही के लिए उन्हें उच्चतम न्यायालय में दोषी ठहराया जाना चाहिए।
उन्होंने ऑक्सीजन रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उन्होंने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा निर्देशों के अनुसार ऑक्सीजन की ज़रूरत की गणना की थी, मगर जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने केजरीवाल से आईसीएमआर की दिशा निर्देशों की प्रति मांगी तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
पात्रा ने आगे कहा कि छह मई को केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन करके 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की थी। उसके कुछ घंटे बाद उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्डा ने कहा था कि उन्हें 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन चाहिए। एक ही दिन में दो अलग-अलग आंकड़ा बताया गया। यह कहीं न कहीं एक साजिश के तहत किया गया है, दिल्ली सरकार ने अपनी गलती छिपाने के लिए केंद्र पर दोषारोपण किया।
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट के लिए गठित समिति के अनुसार दिल्ली सरकार की तरफ से 25 अप्रैल से 10 मई के बीच ऑक्सीजन की जो मांग रखी गई, वह वास्तविक आवश्यकता से चार गुना तक अधिक थी। समिति ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि दिल्ली को ऑक्सीजन की अतिरिक्त आपूर्ति से 12 राज्यों में आपूर्ति प्रभावित हुई।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली में बिस्तर क्षमता के हिसाब से 289 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता थी, जबकि दिल्ली सरकार द्वारा दावा किया गया कि उन्हें 1140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन चाहिए, जो क्षमता से चार गुना ज्यादा थी।