नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने नेटफ्लिक्स की फिल्म ‘ गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल’ के प्रसारण पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया। केंद्र की तरफ से भारतीय वायुसेना की गलत छवि पेश करने के आधार पर फिल्म का प्रसारण रोकने का आग्रह किया गया था।
न्यायाधीश राजीव शकधर ने आज फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाने से इंकार करते हुए केंद्र से सवाल किया कि ‘ओवर द टॉप’ (ओटीटी) मंच पर फिल्म के प्रदर्शन से पहले वह मामला न्यायालय के समक्ष क्यों नहीं लाई। न्यायाधीश शकधर ने कहा अब कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता क्योंकि फिल्म प्रदर्शित हो चुकी है। फिल्म 12 अगस्त को ही ओटीटी प्लेटफाॅर्म पर प्रदर्शित हो चुकी है।
केंद्र की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि फिल्म भारतीय वायु सेना की गलत छवि पेश कर रही है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने सरकार की तरफ से दलील रखते हुए कहा कि फिल्म से भारतीय वायु सेना की छवि धूमिल हो रही है। फिल्म में बल मैं लैंगिक भेदभाव होने के संबंध में दिखाया गया है, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है।
न्यायाधीश शकधर ने केन्द्र की याचिका पर ‘धर्मा प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड’ और नेटफ्लिक्स से जबाव मांगा है। न्यायालय ने यह भी कहा कि पूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना को भी मामले में एक पक्ष बनाना चाहिए और उन्हें नोटिस जारी कर उनसे भी जवाब मांगा है।