विजयनगरम। आंध्र प्रदेश में विजयनगरम जिले के रामतीर्थम में भगवान राम की मूर्ति के साथ तोड़.फोड़ के मामले में पूछताछ के लिए शनिवार को सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी, तेलुगू देशम पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के नेता मंदिर पहुंचे।
तीन दलों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मंदिर के समीप इकट्ठा हुए और बोडिकोंडा पहाड़ी पर श्रीराम की मूर्ति के साथ तोड़ फोड़ के विरोध में धरना दिया। बोडिकोंडा पहाड़ी के पास बड़ी संख्या में भाजपा और तेदेपा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया।
वाईएसआरसीपी सांसद वी विजयसाई रेड्डी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पहाड़ी मंदिर पहुंचे और पुलिस तथा पुजारियों से सदियों पुराने मंदिर में श्रीराम की मूर्ति को नष्ट करने के बारे में पूछताछ की। उसी समय तेदेपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू मंदिर के रास्ते में थे।
स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए पुलिस ने उनके काफिले को नेल्लीमरला गांव में सड़क के बीचोबीच एक लॉरी खड़ी करके रोक दिया हालांकि कुछ समय बाद काफिले को पहाड़ी मंदिर में जाने दिया गया।
जब वाईएसआरसीपी के सांसद वापस जा रहे थे, तो कुछ लोगों ने उनकी कार पर पत्थर और जूते फेंके हालांकि बाद में पुलिस ने उनकी कार का रास्ता साफ कराया। बाद में नायडू, तेदेपा के प्रदेश अध्यक्ष के अट्टचनायडू और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी अशोक गजपति राजू के साथ पहाड़ी मंदिर गए। तब तक मंदिर पर ताला लगा हुआ था।
तेदेपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मंदिर के पुजारियों से श्रीराम की मूर्ति को नष्ट करने के बारे में पूछताछ की। उन्होंने उस टैंक का भी दौरा किया जिसमें श्रीराम की मूर्ति का सिर मिला था।
इससे पहले गुस्साए कार्यकर्ताओं द्वारा वाईएसआरसीपी सांसद का रास्ता रोकने की कोशिश के कारण भगदड़ मच गई। हाथापाई में भाजपा विजयनगरम के जिला अध्यक्ष रेड्डी पवनी बेहोश हो गए। तेदेपा और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं के पार्टी के झंडे लेकर मंदिर में जाने पर कड़ा विरोध जताया। बोडिकोंडा पहाड़ी पर दो घंटे से अधिक समय तक काफी तनाव बना रहा।
मीडिया से बात करते हुए विजयसाई रेड्डी ने आरोप लगाया कि मंदिरों पर हमलों के पीछे तेदेपा का हाथ है। उन्होंने तेदेपा के विधान परिषद सदस्य एन लोकेश को इस मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती दी।
भाजपा एमएलसी माधव ने कहा कि जब रथों को जलाया गया, यदि तभी सरकार ने सख्ती दिखायी होती तो यह घटना नहीं होती। पुलिस अधीक्षक राजकुमारी के नेतृत्व में पुलिस ने बड़ी मुश्किल से स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने इस मुद्दे का राजनीतिकरण होने पर राजनीतिक नेताओं को कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
गौरतलब है कि गत 29 दिसंबर को कुछ बदमाशों ने भगवान श्रीराम की मूर्ति को तोड़ दिया गया था और मूर्ति के सिर को एक टैंक में फेंक दिया था। इससे पहले अंटारवेदी और बिटरागुंटा गांव में लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के पवित्र रथ को जला दिया गया था तथा पिछले 16 महीनों के दौरान कई अन्य मंदिरों में भी आग लगा दी गई।