बेंगलूरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने गुरुवार को कहा कि हिजाब पर कोई प्रतिबंध नहीं है क्योंकि सरकारी आदेश में इसका कोई जिक्र नहीं है, लेकिन ड्रेस कोड का है।
मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी ने यह टिप्पणी तब की जब एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए डॉ विनोद कुलकर्णी ने कहा कि हिजाब पर प्रतिबंध कुरान पर प्रतिबंध लगाने के समान है।
डॉ कुलकर्णी की इस दलील पर आपत्ति जताते हुए न्यायमूर्ति अवस्थी ने पूछा कि क्या हिजाब और कुरान एक ही चीज है? इस पर कुलकर्णी ने कहा कि मेरे लिए नहीं, लेकिन पूरी दुनिया के लिए ऐसा ही है। मैं एक हिंदू ब्राह्मण हूं और कुरान पूरी दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय के लिए है।
डॉ कुलकर्णी के याचिकाकर्ता द्वारा शुक्रवार को और रमजान के आने वाले महीने के दौरान छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति देने के लिए एक अंतरिम आदेश की मांग की गई है क्योंकि इसे मुसलमानों के लिए एक शुभ दिन माना जाता है। इस मसले पर हालांकि शुक्रवार दोपहर बाद 2:30 बजे फिर से सुनवाई होगी।