आम आदमी : I want to go to toilet
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गुलजार साहव
मचलती हैं पेट में कुछ लहरें ऐसी
लगता है इन्हें किसी किनारे की तलाश है
सौ टके की बात है,
रोजगार है तो सोमवार है,
नहीं तो हर दिन रविवार है!
अर्ज किया है
बड़ी इतराती फिरती है वो
अपने हुसन ए रुखसार पर
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मायूसी बैठी है, जब से देखी है
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अपनी तस्वीर आधार कार्ड पर
रहिमन पानी राखिए,
बिन पानी सब सून,
तू क्वार्टर लेकर राखियो,
आई एम कमिंग सून!!
सोचने वाली बात है
हम वो आखिरी पीढ़ी हैं
जिनके बच्चपन की फोटो
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मोबाइल से नहीं खींची गयी