हिन्दू जागरण मंच की आर्थिक स्वावलम्बन योजना शुरू
जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि समाज जागरण का कार्य के दौरान जब हम हिंदू नाम से संबोधित करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम किसी अन्य मत-पंथ, संप्रदाय के विरोधी हैं। श्रीगुरुजी कहते थे कि संघ ने समाज की आवश्यकता के अनुरूप हिंदू संगठन शुरू किया है। यदि देश में दूसरे संप्रदाय का एक भी व्यक्ति नहीं होता तो भी हिंदू संगठन का कार्य होता।
वे सोमवार को शहर के गोविंद नगर में हिंदू जागरण मंच की प्रेरणा से युवाओं को रोजगार देने हेतु नेहरू सेवा सदन में आयोजित आर्थिक स्वावलंबन योजना के शुभारंभ कार्यक्रम को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नकारात्मक विषय को लेकर तात्कालिक लोगों को तैयार तो किया जा सकता है, लेकिन वे लोग लंबे समय तक नहीं टिक सकते, इसलिए संघ कार्यकर्ता निर्माण करते हुए सबको साथ लेकर चलता है। प्रतिदिन खेलकूद व व्यायाम करना मात्र हमारा उद्देश्य नहीं है, हमने इसके माध्यम से समाज संगठन का एक विशाल तंत्र खड़ा किया है।
सह क्षेत्र प्रचारक ने कहा कि आजकल मौलिक अधिकारों की सर्वत्र चर्चा हो रही है लेकिन मूल कर्तव्यों की कहीं चर्चा नहीं होती। संविधान ने हमें केवल अधिकार दिए हैं ऐसा नहीं है। जिस प्रकार अधिकारों की चर्चा कर उसका नाजायज फायदा उठा कर देश को अराजकता की ओर धकेलने वाले लोगों को सावधान रहना चाहिए कि संविधान में कर्तव्य भी दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हम वो लोग नहीं हैं जो संविधान की आड़ में अपनी ताकत का दुरुपयोग करते हों। हम अपनी ताकत को कर्तव्य समझकर समाज के अभावग्रस्त बंधुओं के बीच जाकर उनकी मदद करने में विश्वास करते हैं। आज संविधान की शपथ लेकर उच्च पदों पर विराजमान कुछ लोग अपने पद पर बने रहने के लिए स्वयं की पहचान को भुला रहे हैं। उन लोगों को इस प्रकार संविधान की धज्जियां उड़ाना शोभा नहीं देता।
युवाओं में अनास्था निर्माण की कर रहे कुचेष्टा
निम्बाराम ने कहा कि आज कुछ लोग कहते हैं कि हमारे देश की पहचान सिर्फ 1947 के बाद बनी है, लेकिन हम सब जानते हैं कि भारतीय सभ्यता, संस्कृति व यह देश हजारों वर्ष पुराना है तो फिर आज यह लोग अपनी पहचान बताने से गुरेज क्यों कर रहे हैं। डिस्कवरी ऑफ इंडिया नाम से कुछ विदेशियों ने भ्रम फैलाया कि भारत का अस्तित्व उनके यहां आने के बाद आया है, लेकिन यह पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि कई लोग भारतीय संस्कृति के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करके युवाओं को देश के खिलाफ भडक़ा रहे हैं, युवाओं में अनास्था निर्माण करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। यह हिन्दू समाज को तोडऩे का प्रयास है। हमें इन षडयंत्रों को समझना होगा।
स्वरोजगार की ओर बढ़े युवा
सह क्षेत्र प्रचारक ने कहा कि लोगों द्वारा अपना पारम्परिक स्वरोजगार छोडऩे के कारण समाज की दुर्दशा हो रही है कि दिनों-दिन बेरोजगारी बढ़ रही है। प्राचीन काल में हमारे देश में स्वरोजगार के अनेकों विकल्प थे जिसमें ढ़ाका का मलमल सबसे सर्वोत्तम उदाहरण हमारे सामने है। इसी तरह अनेकों प्रकार के स्वरोजगार शहरों से लेकर गांव-ढ़ाणियों तक लोगों के पास थे, लेकिन आज लोग अपने स्वरोजगार को या तो भूल गए हैं या फिर जानबूझकर उसे छोडक़र दूसरे काम में जुट गए हैं। इस कारण बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है।
समाज में अनेकों लोग स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सहकार भाव से लोगों की मदद करते हैं। हमारे समाज में सहकार की भावना बहुत प्राचीन काल से चली आ रही है उस सहकार भावना के माध्यम से समाज उत्थान का कार्य पहले भी किया जाता था। ऐसे में यदि हम सरकारी नौकरी के पीछे भागते रहेंगे तो समाज बहुत पिछड़ जाएगा। इसलिए युवा अच्छी शिक्षा प्राप्त कर नौकरी की तैयारी तो करें साथ ही स्वरोजगार कर समाज को सबल बनाने का कार्य भी करें।
कार्यक्रम में त्रिवेणी धाम डाकोर के ब्रह्मपीठाधीश्वर रामरतन देवाचार्य, जयपुर व्यापार मंडल के संरक्षक रवि नैय्यर व हिन्दू जागरण मंच के प्रांतीय अध्यक्ष प्रताप भानुसिंह ने विचार व्यक्त किए। इसके बाद एक दर्जन युवाओं को स्वरोजगार के लिए आपणी दुकान के नाम से ठेले प्रदान किए गए। इस दौरान संघ के वरिष्ठ प्रचारक मूलचंद सोनी, सुदामा शर्मा, संगठन मंत्री मुरलीमनोहर समेत बड़ी संख्या में महिला-पुरूष उपस्थित रहे।