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पाक और बांग्लादेश के पीडित हिन्दुओं को भारत में लेने की प्रक्रिया सरल बनाना आवश्यक - Sabguru News
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पाक और बांग्लादेश के पीडित हिन्दुओं को भारत में लेने की प्रक्रिया सरल बनाना आवश्यक

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पाक और बांग्लादेश के पीडित हिन्दुओं को भारत में लेने की प्रक्रिया सरल बनाना आवश्यक

गोवा। केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) बना कर इस्लामी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश के पीडित अल्पसंख्यक हिन्दुओं को बहुत दिलासा दिया है परंतु, उन्हें भारत में लेने की प्रक्रिया अभी भी पुरानी और दोषपूर्ण है। इसलिए उसमें सुधार करना आवश्यक है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को ‘रियासत-ए-मदीना’, अर्थात काफिरमुक्त देश बनाने की घोषणा कर जिहादियों और धर्मांधों को हिन्दूविरोधी कार्य करने के लिए खुली छूट दे दी है। यह बात पीडित पाकिस्तानी हिन्दुओं के लिए कार्य करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था ‘निमित्तेकम्’ के अध्यक्ष जय आहुजा ने बताई। हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से 26 तारीख को आयोजित विशेष ऑनलाइन संवाद के अंतर्गत ‘पाकिस्तान और बांग्लादेश में समाप्त हो रहे हिन्दू’ इस विषय पर चर्चासत्र में वे बोल रहे थे।

इस अवसर पर भारत सेवाश्रम संघ के स्वामी प्रदीप्तानंद महाराज, वरिष्ठ संपादक अभिजीत मजूमदार, विस्थापित पाकिस्तानी हिन्दू भागचंद भील और हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे ने भी संबोधित किया। ‘फेसबुक’ और ‘यू ट्यूब’ के माध्यम से 45 हजार लोगों ने यह कार्यक्रम देखा और यह विषय 1 लाख 25 हजार लोगों तक पहुंचा है।

बांग्लादेश के ‘हिन्दू मायनॉरिटी वॉच’ के संस्थापक अधिवक्ता रवींद्र घोष ने अपने संदेश में कहा कि हम बांग्लादेश को स्वतंत्र कराने के लिए प्राण हथेली पर रखकर लडे; परंतु वही बांग्लादेश स्वतंत्र होने पर सेकुलर न बनकर, इस्लामी बन गया और अल्पसंख्यक हिन्दू अत्याचार सहन करते हुए अपने प्राण बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आज कोरोना महामारी के काल में यहां का प्रशासन हिन्दुओं के साथ भेदभाव कर उनसे निम्न स्तर का व्यवहार कर रहा है।

वरिष्ठ पत्रकार अभिजीत मजूमदार ने कहा कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय प्रचार माध्यम सक्रिय हैं परंतु बांग्लादेश में नहीं। इसलिए बांग्लादेश में हिन्दुओं पर होने वाली घटनाओं की जानकारी अन्य देशों को नहीं मिलती। वहां के पीडित हिन्दुओं की करुण कथा विश्‍वमंच पर रखी जानी चाहिए। इससे बांग्लादेश की सरकार पर दबाव बनेगा। इसके लिए एक योजनाबद्ध और लंबा प्रचार अभियान चलाना चाहिए।

स्वामी प्रदीप्तानंद महाराज ने कहा कि नेहरू और गांधी ने भारत का विभाजन न होने का आश्‍वासन दिया था, फिर भी भारत का विभाजन हुआ। हम इतिहास भूल गए। आज न केवल बांग्लादेश अपितु प.बंगाल में भी हिन्दुओं की संख्या घटती जा रही है। इसलिए, हिन्दुओं को अपनी तथा अपने धर्म की रक्षा के लिए समर्थ बनना आवश्यक है।

सद्गुरु चारुदत्त पिंगळे ने कहा कि हिन्दू जनजागृति समिति ने इन दोनों देशों के अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर होने वाले अन्यायों के विरुद्ध आवाज उठाई है। इस विषय में अनेक आंदोलन भी किए गए हैं। इस विषय में अभी और हिन्दू समाज में जागृति लाकर उन्हें न्याय दिलाने के लिए संगठित प्रयत्न करने की आवश्यकता है।

पाकिस्तान से वर्ष 2009 में विस्थापित होकर भारत आए भागचंद भील ने कहा कि पाकिस्तान में हिन्दुओं की आवाज बहुत क्षीण हो गई है। हिन्दुओं को वहां बहुत दबकर, समझौता कर रहना पडता है। वहां की संपूर्ण व्यवस्था ही हिन्दू विरोधी है। पाकिस्तान के सधन हिन्दू कुटुंबियों पर हुए अत्याचारों के विषय में थोडी-बहुत आवाज उठाई जाती है परंतु दुर्बल तबकों के हिन्दू कुटुंबों की अवस्था अभी भी दयनीय है। बंगाल के ‘टथ’ मासिक के संपादक और ‘शास्त्रधर्म प्रचार सभा के शिवनारायण सेन ने वीडियो के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किए।