Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
शिवाजी महाराज सेक्युलरवादी नहीं, अपितु खरे हिन्दू धर्मरक्षक थे : चारुदत्त पिंगळे - Sabguru News
होम Goa शिवाजी महाराज सेक्युलरवादी नहीं, अपितु खरे हिन्दू धर्मरक्षक थे : चारुदत्त पिंगळे

शिवाजी महाराज सेक्युलरवादी नहीं, अपितु खरे हिन्दू धर्मरक्षक थे : चारुदत्त पिंगळे

0
शिवाजी महाराज सेक्युलरवादी नहीं, अपितु खरे हिन्दू धर्मरक्षक थे : चारुदत्त पिंगळे

‘शिवराज्याभिषेक दिवस’ के उपलक्ष्य में ‘ऑनलाइन’ संवाद

पणजी। व्यक्तिगत जीवन में छत्रपति शिवाजी महाराज धर्मपरायण थे तथा उनका राजधर्म भी सनातन हिन्दू धर्म के मूल्यों पर आधारित था। वे सेक्युलरवादी नहीं, अपितु हिन्दू धर्मरक्षक थे।

ये बात हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने ‘शिवराज्याभिषेक दिवस’ के उपलक्ष्य में आयोजित ‘ऑनलाइन’ संवाद कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक समारोह वैदिक पद्धति से संपन्न हुआ था। काशी के ब्राह्मणों द्वारा राज्याभिषेक, अष्टप्रधान मंडल की रचना, संस्कृत में राजमुद्रा, विदेशी शब्द हटाने के लिए राजव्यवहारकोष, श्री रायरेश्‍वर के मंदिर में हिन्दवी स्वराज्य की शपथ लेना आदि कृत्य क्या कभी ‘सेक्युलर’ विचारधारा का राजा करेगा? इससे यही सिद्ध होता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज हिन्दू साम्राज्य के सम्राट और हिन्दू धर्मरक्षक थे।

इस मौके पर सुदर्शन न्यूज के संस्थापक-संपादक सुरेश चव्हाणके ने आवाहन किया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना की परंतु स्वतंत्रता के पश्‍चात हम महाराज को अपेक्षित राष्ट्र बनाने में बहुत कम पडे। स्वतंत्रता के पश्‍चात हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा को छोड दिया गया। इसलिए आज देशभर में अनेक स्थानों पर धर्मांधों द्वारा हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, अनेक मिनी पाकिस्तान बन गए हैं। यह छत्रपति शिवाजी महाराज को अपेक्षित नहीं है। जब देश में हिन्दुत्व और राष्ट्रीयत्व से भारित वातावरण बनता है, तब हिन्दूविरोधी जनप्रतिनिधियों को भी हिन्दू कार्ड खेलना पडता है। यह ध्यान में रखकर हिन्दुओं पर अन्याय करने वाली संविधान की व्यवस्थाओं में सुधार करने के लिए जनमत का रेला निर्माण करना आवश्यक है।

छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में अनेक मुसलमान थे, बार-बार हिन्दुओं के मन पर ऐसा अंकित कर महाराज को सेक्युलर वादी कहा जा रहा है। तब इस तर्क के अनुसार औरंगजेब की सेना में भी हिन्दू सरदार थे; क्या इसलिए औरंगजेब को ‘सेक्युलर’ कह सकते हैं? स्वयं छत्रपति संभाजी महाराज ने 27 अगस्त 1680 को दिए हुए दानपत्र में शिवाजी महाराज का उल्लेख ‘म्लेच्छक्षयदीक्षित’ इस प्रकार किया है।

श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष प्रमोद मुतालिक ने कहा कि मुगलों के अत्याचार से जनता पीडित हो रही थी, महिलाओं पर अत्याचार हो रहे थे। उस समय छत्रपति शिवाजी महाराज ने बाल्यावस्था में ही सामान्य जनता, श्रमिक, किसानों आदि को संगठित कर उनकी सेना बनाई। उनमें देव, देश और धर्म की रक्षा के लिए स्वाभिमान जागृत किया। उनमें से ही आगे चलकर तानाजी और सूर्याजी जैसे शूरवीर बने।

चातुर्य और कुशलता के बल पर उन्होंने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की। आज हमें भी उसी नीति का अनुसरण करना पडेगा; क्योंकि आज भारत पर कट्टरपंथी जिहादी, ईसाई मिशनरी, राष्ट्रविरोधी कम्युनिस्ट और भ्रष्टाचारी आदि का आक्रमण चल रहा है। उसका एक ही उत्तर है और वह है छत्रपति शिवाजी महाराज का मार्ग। शिवाजी महाराज की नीतियों का अनुसरण कर देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए हम सभी को संगठित होना पडेगा।

रमेश शिंदे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वयं के बंधु व्यंकोजी राजे को सितंबर 1677 में लिखे पत्र में उनकी सेना में मुसलमान सैनिकों को भरने के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने धर्मांतरण करने वाले गोवा के पादरियों का शिरच्छेद किया था। बलपूर्वक मुसलमान बनाए गए नेताजी पालकर और अन्य धर्मांतरितों का पुनः शुद्धीकरण कर उन्हें हिन्दू धर्म में प्रवेश दिया गया था। छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तव में हिन्दू राजा थे, तब भी वर्तमान में धारावाहिक, चलचित्र आदि माध्यमों से शिवचरित्र के प्रसंग दिखाते समय मुसलमानों का उदात्तीकरण किया जाता है। यह विकृत इतिहास रोकने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के आरंभ में सनातन संस्था के रमानंद गौडाजी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति पर पुष्पहार अर्पण किया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों ने हिन्दू राष्ट्र के लिए सक्रिय रहने की शपथ ली। हिन्दू जनजागृति समिति के सुमित सागवेकर ने कार्यक्रम का सूत्रसंचालन किया। फेसबुक और यू-ट्यूब के माध्यम से सीधा प्रसारित यह कार्यक्रम 42 हजार लोगों ने प्रत्यक्ष देखा तथा 1 लाख 7 हजार लोगों तक यह कार्यक्रम पहुंचा।