जयपुर। बंगाल के प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ नेता और हिन्दू संहति संगठन तथा सिंह वाहिनी के संस्थापक अध्यक्ष तपन घोष का 12 जुलाई को कोरोना के संक्रमण से निधन हो गया।
सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा 16 जुलाई को तपन घोष को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित ऑनलाइन सभा में हिन्दुत्वनिष्ठ ने कहा कि संघर्षशील नेता तपन घोष बंगाल के हिन्दुओं के बहुत बडे आधार थे। देशभर के हिन्दुत्वनिष्ठ नेताओं ने ऑनलाइन श्रद्धांजलि सभा में तपन घोष को स्मरण कर उनकी गुणविशेषताओं को निखारते हुए धर्मरक्षा और हिन्दू संगठन का कार्य शक्तिपूर्वक आगे ले जाने का निश्चय व्यक्त किया।
कर्नाटक के श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष प्रमोद मुतालिक ने कहा कि बंगाल की हिन्दूविरोधी परिस्थिति में तपन घोष द्वारा किया गया हिन्दू संगठन का कार्य प्रेरणादायी है। भाजपा के तेलंगाना के विधायक टी. राजासिंह ने कहा कि बंगाल में हिन्दुत्व के लिए प्रतिकूल वातावरण होते हुए भी तपन घोष ने वहां हिन्दुत्व का ध्वज फहराया। उनका हिन्दुत्व का कार्य आगे ले जाना अब हमारा दायित्व है।
हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा कि हिन्दुत्व के लिए संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाले तपन घोष हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए स्फूर्तिस्रोत थे। उन्होंने धर्म के लिए समर्पण भाव से कार्य करने वाले अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ निर्माण किए।
सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस ने कहा कितपनजी सदैव कहते थे कि संघर्ष ही हिन्दुओं के लिए आशा की एकमात्र किरण है। तपनजी के तत्त्वज्ञान पर कृत्य करना ही उनके लिए खरी श्रद्धांजलि सिद्ध होगी। तपन घोष के कार्य के उत्तराधिकारी प्रकाश दास ने कहा कि कश्मीर में हिन्दुओं का विस्थापन सरकार नहीं रोक पाई, तो देहली से हजारों किलोमीटर दूर स्थित बंगाल के हिन्दुओं का कौन रक्षक होगा? इस विचार से तपन घोष ने बंगाल में ‘हिन्दू संहति’ संगठन की स्थापना की। वहां हिन्दुत्व की आवाज बुलंद की।
बंगाल के पीडित हिन्दुओं की रक्षा करने के साथ ही उन्होंने वहां के सामान्य हिन्दुओं में जोश जागृत किया। उनका धर्मरक्षा का स्वप्न पूर्ण करने के लिए हम कार्यरत रहेंगे। रूट्स इन कश्मीर के सहसंस्थापक सुशील पंडित मनोगत व्यक्त करते हुए कहा कि तपन घोष हिन्दुत्व के लिए प्रामाणिक, ध्येयनिष्ठ, संवेदनशील, कर्तव्यनिष्ठ और ऋषितुल्य व्यक्ति थे।
बंगाल के भारत सेवाश्रम संघ के स्वामी प्रदीप्तानंद, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल, पनून कश्मीर के अध्यक्ष डॉ. अजय च्रोंगू, तमिलनाडू के हिन्दू मक्कल कच्छी के संस्थापक अध्यक्ष अर्जुन संपथ, सुदर्शन वाहिनी के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाण के, झारखंड के तरुण हिन्दू नामक संस्था के संस्थापक डॉ. नील माधव दास, ओडिशा के भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल धीर, ‘इंटरफेथ स्ट्रेंथ’ के संस्थापक डॉ. रिचर्ड बेंकिन आदि ने भी अपने मनोगत व्यक्त किए।