डीडवाना/नागौर। हिन्दूओं में दीप जलाने की परंपरा है, दीप बुझाने की नहीं, लेकीन आज बच्चों का जन्मदिन दीप बुझाकर और अंग्रेजी दिनांक के अनुसार मनाया जा रहा है। दिनांक नहीं तिथि अनुरूप जन्मदिन मनाया जाना श्रेष्ठ और वैज्ञानिक है।
रामकृष्णादी अवतारों का जन्मोत्सव हम तिथि के अनुसार मनाते हैं, ऐसे में अपना जन्मदिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार क्यों मनाते हैं? यह सवाल हिन्दू जनजागृति समिति मध्यप्रदेश एवं राजस्थान समन्वयक आनंद जाखोटिया ने प्रवचन के दौरान किया।
वे श्री सत्यानंद अर्चना सेवा ट्रस्ट की ओर से श्री शिवमहापुराण कथा में धर्माचरण की वैज्ञानिकता एवं उसका महत्व विषय पर प्रवचन कर रहे थे। कथा स्थल पर सनातन संस्था की ओर से प्रकाशित ग्रंथों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
जाखोटिया ने कहा कि आज हम शरीर से हिन्दू है पर आचरण से विदेशी हो गए हैं। हमें फिर से ऋषिमुनीयों ने बताएं मार्ग तथा अपनी संस्कृति की ओर लोटना होगा, क्योंकि हमारी संस्कृति वैज्ञानिक आधार पर विकसित हुई है। समूचा विश्व हमारी संस्कृति की और आशा भरी निगाहों से देख रहा है। ऐसे समय में विदेशी संस्कार और संस्कृति का अनुसरण करना अपनी श्रेष्ठ संस्कृति के लिए धातक होगा।