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hindu mythology stories by joganiya dham pushkar-मौसम पर ठंड के हस्ताक्षर - Sabguru News
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मौसम पर ठंड के हस्ताक्षर

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मौसम पर ठंड के हस्ताक्षर
hindu mythology stories by joganiya dham pushkar
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hindu mythology stories by joganiya dham pushkar

सबगुरु न्यूज। परिवर्तन पर हस्ताक्षर करते हुए ऋतु मुस्करा गई और बोली हे सखी बरखा अब तेरी विदाई हो चुकी हैं और अब गहरी ठंड ने मौसम के माहौल पर अपना आधिपत्य जमा लिया है। मैं भी क्या करतीं तुझे ओर गर्मी को सारे अधिकार दे रखे थे, तुम दोनों ने अपने अपने रूतबे खूब दिखाए। गरमी ने अपना अहंकारी आग से जन जन को झुलसा दिया और बरखा तुमने तो बडा कमाल कर दिखाया।

अपने तूफानी वेग से शहर, गांव, मोहल्ले और बस्तियों को उजाड़ डाला। एक बार में ही अपार लोगों को खाने पीने तक को मोहताज कर डाला। कहीं खेत खलिहान को पानी से लबालब भर डाला तो कहीं बेरूखी से अकाल जैसा बना डाला।

खैर! अब तुम्हारी विदाई हो चुकी है और मैंने मौसम को सर्दी का उपहार दे दिया है। अब सर्दी ने भी अपना कब्जा कर मौसम पर अपने गहरे हस्ताक्षर कर दिए हैं। मुझे विश्वास है कि यह भी तुम दोनों से पीछे नहीं रहेगी। हे गरमी! अब मौसम पर ठंड के हस्ताक्षर तुम्हारी गरमी से मुकाबला करने वालों को अब यह मुआवजा देकर उन्हें पूर्ण राहत देगी।

हे बरखा तू जिनके घर बाजार को तबाह करके आई है उन्हें बसाकर ये फिर से रोजगार में लगा देगी। ये ओर क्या करेगी यह तो मैं नहीं जानती क्योंकि अभी मौसम पर इसके ही हस्ताक्षर हैं। यह कहते कहते ऋतु चली गई और अपने सर्दी के रूप को छोड़ गई।

संत जन कहते हैं कि हे मानव, सूर्य की धनु संक्रांति हो चुकी हैं और ठंड अपने पूर्ण यौवन की ओर बढ रही है। 22 दिसम्बर को सूर्य का उत्तरायन भी होने वाला है तथा उत्तर दिशा में सूर्य की किरणों से पिघलती बर्फ ओर ठंडी हवाओं के तूफानी कहर की शुरूआत हो चुकी है। उत्तरायन और पोष संक्रांति में सूर्य भी गर्म होने के बावजूद इस ठंड में ठंडा ही महसूस होगा तथा इस पोष मास की रात में जानलेवा सी ठंड पड़ने लग जाती है।

इसलिए हे मानव, मौसम पर ठंड के हस्ताक्षर तो हो चुके हैं, अब अहंकार गरमी और बरबादी की वर्षा विदाई ले चुकी है। अब इस ठंडे माहौल में अपने आप को बनाए रखने के प्रयास कर साथ ही शरीर की ऊर्जा को बढा ताकि तेरे श्रम पर तेरे कार्यो के हस्ताक्षर सफल बने।

सौजन्य : ज्योतिषाचार्य भंवरलाल, जोगणियाधाम पुष्कर