सबगुरु न्यूज। तुम मुझे विदा कर दो लेकिन मैं कही भी जाता नहीं हूं। भले ही तुम मेरा नाम बदल दो और सीमा में बांधकर रख दो पर मैं सदा, मरते दम तक भी तुम्हारे साथ ही रहूंगा, इतना ही नहीं वरन् तुम्हारे जाने के बाद भी तुम्हारी यादगार बन मैं इसी दुनिया में रहूंगा। जीते जी तुम मुझे भूला नहीं पाओगे, जब कभी सुनोगे मेरी बात तो संग संग तुम भी कही खो जाओगे। तुम आज मुझे भले ही छोड़ दो लेकिन कल मुझे फिर नया नाम दोगे फिर भी मैं तुम्हारे साथ रहूंगा ओर भूत से वर्तमान बन जाऊंगा।
मुझे आज जुदा करने वाले सुन, मैं बचपन में भी तुम्हारे साथ था और आज भी तुम्हारे ही साथ हूं और कल भी तुम्हारे साथ रहूंगा भले ही तुम कल नहीं रहो। तुम जब नहीं रहोगे तो भी मैं तुम्हारी यादें बन कर दुनिया में रहूंगा और तुम्हारी तस्वीर बना कर दुनिया को दिखाता रहूंगा। हर क्षण हर पल और हर दिन, महिने, साल तुम मुझे भले ही छोड़ते जाओ लेकिन मैं फिर भी मैं सदा तुम्हारे साथ ही रहता हूं और मुझे जीते जी तुम मुझे भूला नहीं पाओगे।
तुम मां के गर्भ में छिपे थें तब भी मैं तुम्हारे ही साथ था। इस दुनिया में जन्म लेने के बाद से लेकर हर जगह पर मैं तुम्हारे साथ ही था। मेरे ही किताब में तुम्हारी हर कहानी लिखी हुई है जो भले ही दुनिया का हिस्सा बनी या ना बनी। कल भले ही तुम मुझसे जुदा हो जाओगे तो भी मैं ही तुम्हारा हिस्सा बन कर रहूंगा।
मुझे काल कहते हैं, जो बीत गया उसे तुम भूत कहते हो ओर जो आज है उसे वर्तमान तथा जो कल आएगा तुम उसे भविष्य कहोगे। भले ही तुम मुझे किसी भी नाम से जानो, मुझे तुम जीते जी भूला ना पाओगे और तुम्हारे जाने के बाद भी मैं तुम्हें भूलने नहीं दूंगा, भले ही तुम्हारी यादों की मूर्तियां नहीं लगे पर तुम्हारी तस्वीर पर श्रद्धा के सुमन तो अर्पण करवा ही दूंगा।
आज तुम मुझे विदा कर रहे हो जाने वाला वर्ष मानकर। कोई मुझे अपनी असफलता के लिए मुझे कोसते हुए तो कोई मुझे सफलता के लिए दुआएं दे रहा तो कोई कोई धर्म प्रेमी जो कुछ भी हुआ उसे प्रभू का आशीर्वाद मान रहा, कोई कर्म वीर अपना मूल्यांकन खुद ही कर अपने आप को धैर्य दे रहा है और मुझसे बेफिक्र व्यक्ति सदा की भांति अपने कार्यों में लगा हुआ है, कोई मेरी विदाई कर रहा है इससे कोई सरोकार नहीं रख रहा है।
मेरी विदाई करने वाले सब अपनी रूचि के अनुसार ही आने वाले वर्ष का स्वागत कर रहे हैं। मेरा नया अवतार और नया नाम नया वर्ष यह सब कुछ देखकर मौन हैं कि आने वाले कल में यह सब भी मेरा यही हाल करेंगे और मुझे फिर पुराना बता नए का स्वागत करेंगे।
संतजन कहते हैं कि हे मानव, ये कालचक्र तो चलता रहेगा और सदा हर दिन परिवर्तन करता रहेगा। सतयुग से आज तक यह सदा ही परिवर्तन करता ही आया है और करता ही रहेगा। भले ही इसके काल खंड को वर्ष का नाम दे और इसकी विदाई करे या नए का स्वागत करे। हर दिन यह काल विदाई करता रहता है और अपने खाते में नए जन्मों के लेखे करता रहता है।
इसलिए हे मानव, तू इस काल खंड को भले ही विदा कर लेकिन विदाई मानव संस्कृति का कल्याण नहीं करने वाले उन विचारों की कर, जो छोटे से जीवन को बैर बदले की आग में जला देते हैं और सबको एक दूसरे से अलग कर देते हैं। तू भले ही धर्मवीर बन या कर्मवीर बन लेकिन बैर विरोधी वीर मत बन और सभ्यता व संस्कृति को संजोये रख।
सौजन्य : ज्योतिषाचार्य भंवरलाल, जोगणियाधाम पुष्कर