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जीवन नैया कर पार माता

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जीवन नैया कर पार माता

सबगुरु न्यूज। बलवान बनकर समस्या और संकट इस संसार रूपी सागर में लगातार अपना विस्तार किए जा रहे हैं और जीवन रूपी नैया को डूबोने में लगे हुए हैं। जीवन रूपी नाव हर घड़ी हर दिन एक नई समस्या से टकरा रही है और जैसे तैसे बच बचाकर आगे बढती जा रही है।

सदियों से आज तक ऐसा ही हो रहा है। कई चुनौतियों का मुकाबला करते हुए आगे बढ गए और कई इन चुनौतियों से लडते लडते मिट गए। हर युग काल में जीवन इन संकटों ओर समस्याओं से निजात पाने के लिए बलवान की शरण में गया व इन बलवानों के विश्वास नें साहस धैर्य व बल बुद्धि को राहत दी ओर जीवन की नैया पार हुई।

गर्भ में पलते जीवन को मां उसे सुरक्षा प्रदान करती है उसका संरक्षण करती है और उसे जन्म देकर पालन पोषण करती है। जीवन मां की गोद में पलता हुआ अपनी प्रचंडता पर आ जाता है और जीवन के अथाह सागर में कूद कर संसार रूपी सागर की तूफानी लहरों से टकराता है तो वहां भी मां शब्द एक बलवान बनकर उसे साहस और धैर्य देता है। इस जगत को उत्पन्न करने वाली अदृश्य शक्ति का सहारा लेता हुआ जीवन हर उस समस्या, संकटों से जूझता है तथा इस संसार रूपी सागर से पार उतर जाता है।

जीवन चाहे किसी का भी हो, कोई भी किसी भी उलझन में नहीं पडना चाहता फिर भी संसार में दानव रूपधारी ऐसे मानव भी है जो किसी को सुखी और समृद्ध नहीं देख पाते तथा संकटों के ओले व मुसीबतों के विकट तूफान जीवन के सामने प्रकट कर देते हैं और गहरी चुनौती देता हुए जीवन रूपी नैया को डूबोने में लगे रहते हैं। जीवन और संघर्ष से लडता व्यक्ति अदृश्य शक्ति को अपना साहस बना उन दुष्ट दानव रूप धारी व्यक्तियों को परास्त करता है और जीवन की नैया को पार करता है।

संतजन कहते हैं कि हे मानव, इस जगत को उत्पन्न करने वाली अदृश्य शक्ति ने जीवन को एक मजबूत साहस और धैर्य रूपी ऊर्जा प्रदान की है जो शनैः शनैः हर समस्या और संकटों से जूझती हुई जीवन को माता की तरह सुदंर सुरक्षित ओर संरक्षित करती है।

इसलिए हे मानव तू किसी भी समस्या और संकट से घबरा मत, क्योंकि धैर्य और साहस माता रूपी ऊर्जा बनकर इन समस्याओं ओर संकटों का एक दिन अंत कर देगा।

सौजन्य : ज्योतिषाचार्य भंवरलाल, जोगणियाधाम पुष्कर