सबगुरु न्यूज। कांटों को हम शत्रुओं की तरह मान लेते हैं और फूलों को अपना मित्र मानकर व्यवहार करते हैं, लेकिन कांटे हमें जीवन के पथ पर बढना सीखाते हैं और चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करते हैं, कांटे कभी मुरझाते नहीं है। फूल भले ही अपनी खुशबू देकर शान बढाते हैं पर वे केवल अपने तक ही डूबोये रखते हैं, समय आने पर मुरझा कर छोड़ जाते हैं।
कांटे उन चुनौतियों की तरह होते हैं जो कभी मुरझाते नहीं है। यह चुभते जरूर हैं, लहुलहान भी कर देते हैं पर जीवन के मार्ग पर आगे बढने के रास्ते खोलना सीखा देते हैं। फूल तो देव, दानव, मानव, जीवन, मृत्यु सभी के मित्र बनकर अपने गुणों की परिभाषा ही बदल देते हैं। फूलों का यही व्यवहार उन्हें किसी एक का भी सच्चा हमदर्द नहीं बनने देता। उनकी किस्मत में केवल मुरझाना ही लिखा होता है।
कांटे केवल लहुलहान करना जानते हैं और संदेश देते हैं कि हे मानव जीवन में सतर्क होकर रहेगा तो हर मंजिलें आसान हो जाएंगी, तू दुनिया का बेताज बादशाह बन हर शत्रु को परास्त कर देगा। इसलिए हमारी किस्मत में मुरझाना नहीं होता। हम देव, दानव और मानव ही नहीं वरन जीवन और मृत्यु के लिए किसी की खुशियों के फूल या किसी की अर्थी के फूल नहीं बनते। हम तो केवल कांटे हैं जो केवल चुभते हैं और चुनौतियां देते हैं।
कांटे सरल बनकर अपनी पहचान बनाए रखते हैं और फूल अपना रूप रंग और खुशबू बदल बदल कर अपनी अलग अलग पहचान बनाकर भी बस मुरझा जाते हैं और चन्द दिनों के बाद उनका अस्तित्व खत्म हो जाता है।
संत जन कहते हैं कि हे मानव, ये कांटे ही जीवन के सच्चे मित्र बनकर जीवन के मार्ग की ओर बढने के लिए सतर्क रहने का संदेश देते हैं न कि फूलों की तरह दुनिया से ध्यान हटा केवल अपनी खुशबू में ही समेटे रखते हैं।
इसलिए हे मानव तू कांटो की तरह जीवन की चुनौतियों का सामना कर तुझे अपने मकसद में विजय श्री हांसिल होगी और फूलों की खुशबू में बेपरवाह होकर जीवन को गुमराह होने से बचा। ये फूल तो अंत में तेरी अर्थी के फूल ही बन कर रह जाएंगे और मृत्यु रूपी कांटों की सेज तेरी यादों को अमर कर जाएगी।
सौजन्य : ज्योतिषाचार्य भंवरलाल, जोगणियाधाम पुष्कर