सबगुरु न्यूज। भारत के राजस्थान राज्य की मरूधरा जैसलमेर जिले की पोकरण तहसील के ग्राम रूणीचा में बाबा रामदेव जी का समाधि मंदिर हैं। वहां पर वर्ष भर श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए आती रहती है। भाद्रपद मास में बाबा रामदेव जी की रूणीचा धाम में बडे स्तर पर मेला लगता है व लाखों श्रद्धालु भारतवर्ष के कई राज्यों से आते हैं।
भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया को बाबा रामदेव जी का अवतरण पोकरण के तात्कालिक राजा अजमल जी तंवर के घर हुआ था तथा भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की दसमी के दिन बाबा रामदेव जी ने जीवित समाधि ले ली थी। इस कारण भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया से भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की दसमी तक विशेष मेला लगता है। लगभग पचास लाख से अधिक श्रद्धालु इस भाद्रपद मास में बाबा रामदेव जी की समाधि मंदिर के दर्शन करने आते हैं।
बाबा रामदेव जी को आज भी आस्था और विश्वास में चमत्कारी देव माना जाता है और लाखों लोगों की श्रद्धा स्थली है रूणीचा धाम। राजस्थान ही नहीं अन्य कई राज्यों में भी बाबा रामदेव जी के मदिरो में भजन कीर्तन भंडारे तथा रामदेवरा जाने वाले यात्रियों के लिए निशुल्क भंडारे भाद्रपद मास में लगे हुए रहते हैं।
राजस्थान मे इन दिनों सर्वत्र रामदेवरा जातरूओ की भीड़ देखी जा सकती हैं।पैदल यात्रियों से लेकर हर तरह के वाहनों में लोग बाबा रामदेव जी की समाधि मंदिर के दर्शन करने जाते हैं। ग्राम रूणीचा या रामदेवरा इन दिनों आनंद और भक्ति मय ज्यादा हो जाता है और सर्वत्र खमा खमा हो धणिया रूणीचे का धणिया गुजायमान हो रहा है।
बाबा रामदेव जी की समाधि मंदिर के पास राम सरोवर तालाब है जहां श्रद्धालु जन स्नान करते हैं और बाबा के दर्शन कर अपना जीवन सुखी और समृद्ध बनाने की कामना करते हैं। मरुस्थलीय धरा पर भाद्रपद मास में यहां अपार श्रद्धालुओ की भीड़ ओर रामसा पीर की जय हो के साथ जगह जगह भजन कीर्तन और ढोलक मंजीरों तथा वीणा की ध्वनियां सम्पूर्ण वातावरण को रूहानियत की चादर ओढा देती हैं। ऐसा लगता है मानों बाबा रामदेव अपने घोडे पर बैठकर रूणीचा में भ्रमण कर रहे हैं।
लोक गाथाओ भजन कीर्तन में बाबा रामदेव जी के चौबीस चमत्कार बताए गए हैं और बाबा रामदेव जी को तात्कालिक समय का महान समाज सुधारक चमत्कारी संत माना गया है। अब से लगभग 667 वर्ष पुरानी यह बात है जब बाबा रामदेव जी ने जन्म अवतार लिया था।
सौजन्य : ज्योतिषाचार्य भंवरलाल, जोगणियाधाम पुष्कर