सबगुरु न्यूज। झिलमिलाते तारे और तेज गति से चलते चन्द्रमा को जब उसने खुले आकाश में देखा तो उसका मन रम गया। वह लगातार उस रात के तारों व चंद्रमा के सुनहरे संसार को देखता ही रहा है। देखते देखते ही सुबह का तारा निकल गया। आसमान के चांद और तारे आसमां से चले गए।
सुबह का तारा कहता है कि हे मानव, जीवन की यही खूबसूरत सच्चाई होती हैं जब व्यक्ति जीवन के उद्देश्य को लेकर चांद की तरह बड़ी तेजी से चलता है तो सितारों की दुनिया लोप हो जाती हैं और खुद चांद का अस्तित्व सूरज की रोशनी में खो जाता है।
युवक कुछ परेशान हो जाता है लेकिन वह चांद सितारों की दुनिया का यह खेल देखता है तो उसे सब कुछ ठीक से समझ में आ जाता है कि हर दिन चांद एक सीढ़ी ऊपर चढ़कर अपनी मंजिल को पार करता हुआ अपनी पूर्णता को प्राप्त कर लेता है और उसके बाद ना चाहते हुए भी उसे एक एक क़दम नीचे उतरना पडता है और एक दिन धरातल पर आकर इस दुनिया से लोप हो जाता है।
यही जीवन की कहानी है कि आना और जाना है, तो फ़िर इस जीवन के उद्देश्यों को पूर्णता की ओर क्यो नहीं ले जाए। यही सोचकर उसने विश्व विजय का झंडा उठाया और अपनी सेना के साथ निकल पडा। इतिहास बताता है कि उसने केवल तेईस साल की उम्र में आधा विश्व जीत लिया। उसके बाद उसकी सेना ने आगे ओर युद्ध करने के लिए मना कर दिया, चाहे कारण कुछ भी क्यो ना हो।
उनसे बहुत प्रयास किया। जोशीले प्रवचन अपनी सेना को सुनाए लेकिन सेना ने बात नहीं मानी। उसने सोच लिया कि कागज पर लिखे अल्फ़ाज़ अब मिटने लग गए हैं और उस पूर्णता से अब लोप होने का समय आ चुका है। वह युवक खाली कागज़ लेकर उस पर लिखे अल्फ़ाज़ को मिटा देख लौट गया और रास्ते में ही सदमे से उसका अस्त हो गया तथा इस दुनिया में फिर उदय नहीं हुआ।
संत जन कहतें हैं कि हे मानव कागज पर लिखे अल्फ़ाज़ का दोष नहीं होता है, दोष तो उस स्याही का होता है जो धीरे धीरे अल्फाजो को लेकर लोप हो जाती है और कागज खाली दिखाई देने लगते हैं। जमीनी हकीकत भी यही होती है कि व्यक्ति भगवान का नाम मुंह में रखकर ओर अपनी बगल में छुरियां रखता है।
झूठ, कपट और धोखे से दूसरे कंधों को सहयोग लेकर उसे तोड़ देता है तो भगवान नाम के अल्फ़ाज़ जो झूठ कपट और धोखे की स्याही से लिखे हैं वे मिट जाते है तथा भगवान का नाम लेने वाले व्यक्ति के चरित्र को उजागर कर देते हैं।
इसलिए हे मानव तू भले ही जन सेवा और कल्याण मत कर लेकिन भगवान नाम की महिमा को गाकर तेरी बगल में छुरियां मत रख। तेरा कल्याण होगा।
सौजन्य : भंवरलाल