लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नाका क्षेत्र में शुक्रवार को दिनदहाड़े हिन्दुवादी नेता कमलेश तिवारी की उनके कार्यालय में की गई हत्या को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह से रिपोर्ट तलब करते हुए घटना का जल्द खुलासा करने को कहा है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह का कहना है कि शुरुआती जांच में यह घटना आपसी रंजिश की लग रही है। हत्यारे उनके परिचित हो सकते हैं। हत्यारों की गिरफ्तारी के बाद कारण स्पष्ट हो सकेगा। उन्होंने कहा कि हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं। उन्होंने दावा किया हत्यारों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार इस घटना के तार आतंकी संठगन आईएसआईएस से जुडे होने की आशंका जताई जा रही है। इस मामले में पुलिस ने दो संदिग्धों की सीसीटीवी फुटेज जारी की गई हैं। हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष और हिंदू समाज पार्टी के संस्थापक कमलेश तिवारी की शुक्रवार को लखनऊ में उनके कार्यालय में हत्या कर दी गई।
इस मामले में उनकी पत्नी ने दो मौलानाओं नसीम मुफ्ती और अनवारुल हक को नामजद करते हुए नाका थाने में तहरीर दी है। पैगंबर साहब पर अमर्यादित टिप्पणी को लेकर बिजनौर में जमीयत शाबाबुल इस्लाम के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अनवरुल हक ने कमलेश तिवारी के सिर पर 51 लाख रुपए का इनाम रख दिया था। दोनों मौलाना बिजनौर के रहने वाले हैं।
सूत्रों के अनुसार वर्ष 2017 में गुजरात से केन्द्रीय जांच ऐजेंन्सियों ने उदैन और कासिम नामक संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ पर उन्होंने कमलेश तिवारी को मारने की बात कही थी। इन लोगों के संबंध आतंकी संगठनों से जुडे थे। उसके बाद तिवारी की सुरक्षा के लिए दो गनर भी तैनात किए गए थे।
तिवारी की हत्या बाद उनके समर्थकों ने खुर्शीद बाग कालोनी में प्रदर्शन किया और दुकाने भी बंद कर दी गई। घटना के बाद इलाके में एहतियात पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है। गौरतलब है कि हिंदू महासभा के अध्यक्ष रहे कमलेश तिवारी को पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में रासुका के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।