नई दिल्ली। हिन्दू राष्ट्र की स्थापना अर्थात रामराज्य की स्थापना है। रामराज्य के निर्माण में श्रीरामजी जैसे धर्मनिष्ठ राजा के साथ धर्मपरायण प्रजा भी होनी चाहिए। इस कारण भारत में हिंदू राष्ट्र के लिए आदर्श सात्त्विक प्रजा का निर्माण आवश्यक है।
वर्तमान में हिंदू ही धर्म के बारे में भ्रमित हैं, शिक्षा पद्धति में बदलाव कर झूठे इतिहास को सिखाने के कारण आज का युवा देशप्रेम के अभाव से ग्रसित हैं। धर्म के अभाव के कारण आज का लोकतंत्र लूटतंत्र बन गया है। डॉक्टर का धर्म है, लोगों को रोगमुक्त करना परंतु वह अपना धर्म भूलकर लोगों को लूट रहा है। दोषों का निर्मूलन कर व्यक्ति को आदर्श बनने, तथा आगे देवत्व की दिशा मे ले जाने की प्रक्रिया हिंदू बनने की प्रक्रिया है।
आज छद्म सेक्युलरवादी हिंदूविरोध को सेक्युलरवाद कह रहे हैं। वास्तव मे सनातन हिंदू धर्मही विश्वकल्याण तथा मानवहित का विचार रखता है। इस कारण धर्माधिष्ठित हिंदू राष्ट्र बनने मे किसी सेक्युलरवादी का आक्षेप नही होना चाहिए! विद्यमान केंद्र सरकार ने साहस दिखाकर अनुच्छेद 370 को निरस्त किया, ऐसे साहसी सरकार का अभिनंदन है।
ये बात हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगलेजी ने उत्तर भारत हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के उद़्घाटन सत्र में कही। वे हिन्दू राष्ट्र स्थापना के उद्देश्य से दिल्ली में 22 नवंबर से 24 नवंबर तक चलने वाले हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन मे बोल रहे थे। सद्गुरु पिंगलेजी ने उपस्थित हिन्दू वीरों का आवाहन करते हुए कहा कि, संवैधानिक तरीके से और अभ्यासपूर्ण पद्धति से जनमत निर्माण कर हिन्दू राष्ट्र लिए कटिबद्ध होना ही वर्तमान समय की मांग है।
इस अधिवेशन का उद्घाटन भारत सेवाश्रम संघ, दिल्ली के सचिव स्वामी आत्मज्ञानानंद महाराज, राजस्थान के निम्बार्क संप्रदाय के संत राधे सरकार महाराज, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले, सनातन संस्था के धर्मप्रचारक संत पूजनीय प्रदीप खेमका तथा हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक संत नीलेश सिंगबाळ ने दीप प्रज्वलन कर किया।
सनातन संस्था की संत सुनीता खेमका की वंदनीय उपस्थिति भी इस अधिवेशन को प्राप्त हुई। तत्पश्चात अंग्रेजी सनातन पंचांग एंड्राइड अॅप का लोकार्पण राजस्थान के निम्बार्क संप्रदाय के संत राधे सरकार महाराज के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ साथ ही अंग्रेजी सनातन पंचांग एप्पल अॅप का लोकार्पण भारत सेवाश्रम संघ दिल्ली के सचिव स्वामी आत्मज्ञानानंदजी महाराज द्वारा किया गया।
भारत सेवाश्रम संघ दिल्ली के सचिव स्वामी आत्मज्ञानानंद महाराज ने अपने सम्बोधन में कहा कि हिन्दू कभी सांप्रदायिक नहीं था और ना ही हो सकता है क्योंकि हम सर्वे भवन्तु सुखिनः की बात करते हैं। वर्तमान में हिंदुओं की दुर्गति का कारण भी स्वयं हिन्दू ही हैं। आज हिन्दुओं को अपना धर्म बताने में शर्म आती है।
आज यदि हमे हिन्दू राष्ट्र का स्वप्न साकार करना है तो हमे संगठित होकर एक ही छत के नीचे कार्य करते हुए कदम मिलकर हिन्दू राष्ट्र की ओर बढना होगा। उद़्घाटन सत्र मे धर्मप्रसारक प्रदीप खेमका ने सनातन संस्था में संस्थापक परापत्पर गुरु डॉ. आठवले के अधिवेशन के लिए भेजे संदेश का वाचन किया तथा धर्मप्रसारक नीलेश सिंगबाळ ने अधिवेशन का उद्देश्य से अवगत कराया।