बीकानेर। हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से दिल्ली में 22 से 24 नवंबर तक तीन दिवसीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन आयोजित किया जाएगा।
हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ चारुदत्त पिंगले और राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने संयुक्त रुप से आज बताया कि ‘भारत सेवाश्रम संघ’ श्रीनिवासपुरी में आयोजित हो रहे इस अधिवेशन में उत्तर भारत के आठ राज्यों और बांग्लादेश के 110 हिन्दू संगठनों के 225 प्रतिनिधि शिरकत करेंगे।
हिन्दू फ्रंट फोर जस्टिस के प्रवक्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस ने बताया कि देश में बढ़ रही सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों को रोकने के लिए हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के तहत 24 नवंबर को देशभक्त अधिवक्ताओं का एक दिवसीय हिन्दू अधिवक्ता अधिवेशन आयोजित किया गया हैै।
उन्होंने बताया कि पूजा स्थल कानून 1991 के खण्ड तीन और चार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13 (1) और 25 का उल्लंघन करते हैं। इसलिए इस कानून को अब निरस्त करने की आवश्यकता है।
शिंदे ने कहा कि शासनतंत्र द्वारा केवल मंदिरों का अधिग्रहण किया जाना गंभीर है। वस्तुतः सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि देश के सेक्युलर शासन को मंदिरों का व्यवस्थापन करने का कोई अधिकार नहीं। फिर भी देश के 1 लाख से अधिक मंदिरों का व्यवस्थापन राज्य की सेक्युलर सरकारों द्वारा किया जाता है। अब मंदिरों को भक्तों के हाथों में सौंपने की आवश्यकता है।
‘सनातन संस्था’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस ने बताया कि इस अधिवेशन के अंतर्गत 23 नवंबर को सुबह 10 से दोपहर 1 की अवधि में पत्रकार बंधुओं के लिए ‘देश के वर्तमान सूत्र (मुद्दे) एवं पत्रकारिता’ इस परिसंवाद का आयोजन किया गया है। 23 नवंबर को ही शाम 5 से 7 की अवधि में ‘साधना सत्र’ का आयोजन किया गया है।