इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में उन्मादी भीड़ ने एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की और देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ दिया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में प्रांत के रहीमयार खान जिले के भोंग शहर करीब 50 लोगों की भीड़ मंदिर में घुसती नजर आ रही है। भीड़ में शामिल लोग मंदिर के दरवाजे तोड़ रहे हैं और मंदिर परिसर में तोड़फोड़ कर रहे हैं। भारी लकड़ी के लट्ठों और लोहे की छड़ों से लैस भीड़ मूर्तियों, मूर्तियों के चारों ओर लगे कांच और अंदर के फर्नीचर को भी तोड़ती दिखाई दे रही है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता कपिल देव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हिंदुओं के लिए एक और बुरा दिन, रहीमयार खान के भोंग शहर में गणेश मंदिर पर बदमाशों ने हमला किया। जानवरों ने इस हमले का फेसबुक पर लाइव टेलीकास्ट करने की भी हिम्मत की।
पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के संरक्षक एवं नेशनल असेंबली के सदस्य डॉ. रमेश वंकवानी ने ट्वीट कर कहा कि रहीमयार खान जिले के भोंग में पंजाब में हिंदू मंदिर पर हमला। कल से तनावपूर्ण स्थिति है। स्थानीय पुलिस की लापरवाही बेहद शर्मनाक है। मुख्य न्यायाधीश से कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।
मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने हमले की निंदा करते हुए ट्विटर पर कहा कि आरवाईके में हिंदू मंदिर पर हमला न केवल निंदनीय है बल्कि हमारे संविधान और हमारे नागरिकों के बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन है। अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय कल से जिले की पुलिस के संपर्क में है, हमें रिपोर्ट मिली है और हमारे संसद सचिव आज दौरे पर जा रहे हैं।
डॉन के अनुसार, यह हिंसा तब भड़की, जब एक अदालत ने एक स्थानीय मदरसा में लघुशंका करने वाले नौ वर्षीय हिंदू लड़के को जमानत दे दी। कुछ दिन पहले लड़के को मिली जमानत के विरोध में भीड़ ने सुक्कुर-मुल्तान मोटर मार्ग को भी तीन घंटे के लिए अवरूद्ध कर दिया।
गौरतलब है कि दारुल उलूम अरब तालीमुल कुरान के मौलवी हाफिज मुहम्मद इब्राहिम की शिकायत पर भोंग पुलिस ने लड़के के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बाद में कुछ हिंदू बुजुर्गों ने यह कहते हुए मदरसा प्रशासन से माफी मांगी थी कि लड़का मानसिक रूप से विक्षिप्त था। इसके बाद निचली अदालत ने लड़के को जमानत दे दी लेकिन कुछ लोगों ने इसके विरोध में बुधवार को जनता को उकसाया और इलाके की सभी दुकानों को बंद कर दिया।
उपायुक्त डॉ. खुर्रम शहजाद और जिला पुलिस अधिकारी असद सरफराज के शहर का दौरा करने के बाद स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने देर शाम इलाके में रेंजरों को तैनात कर दिया। जिला पुलिस प्रवक्ता अहमद नवाज चीमा ने कहा कि अशांत इलाके में रेंजरों को तैनात किया गया है और स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस द्वारा देर से प्रतिक्रिया देने के आरोपों पर सूत्रों ने डॉन को बताया कि वरिष्ठ अधिकारी पुलिस शहीद दिवस समारोह में व्यस्त थे।
क्षेत्र में हिंदू और मुस्लिम समूहों के बीच पैसों को लेकर कुछ पुराने विवादों की रिपोर्ट हैं, जिसे अशांति का वास्तविक कारण बताया जा रहा है। सिंधु नदी और सिंध-पंजाब सीमा के करीब छोटा से शहर भोंग में कई सोने के व्यापारी हैं, जो मूल रूप से घोटकी और डेहरकी के रहने वाले हैं।
अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने वाले पीटीआई के एक सदस्य ने डॉन को बताया कि वह इस मुद्दे के सामने आने के बाद से स्थानीय हिंदू समुदाय और भोंग के प्रभावशाली रईस परिवार के संपर्क में थे। उन्होंने बताया कि लड़के को सुरक्षा कारणों से रहीम यार खान जिला जेल भेजा गया था।
उनके अनुसार रईस परिवार ने इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया था, लेकिन सुमरो जनजाति के एक स्थानीय व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ एक अभियान चलाया, जो अंततः अशांति का कारण बना। उन्होंने बताया कि भोंग बाजार बंद कराने के बाद भीड़ ने हिंदू समुदाय के कुछ लोगों के घरों पर हमला करने की भी कोशिश की।