नई दिल्ली। अपने देश में हिन्दुओं के विरोध में अनेक राजकीय नेता एवं हिन्दूविरोधी लोग नियमितरूप से हेट स्पीच कर रहे हैं, उस विषय में किसी भी न्यायालय में अर्ज नहीं की गई। हेट स्पीच है क्या? इसकी व्याख्या सुस्पष्ट होना आवश्यक है।
वर्तमान में न्यायाधीश निर्णय देते हुए कानून बनाने लगे हैं कानून बनाना, यह न्यायाधीशों का काम न होकर संसद का काम है। भारत के टुकडे न हों, इस विषय में हिन्दुओं में जनजागृति करना हेट स्पीच है क्या?, यदि हिन्दू अपने देश एवं धर्म बचाने के विषय में बोल रहे हैं, तो क्या वह हेट स्पीच है? यह प्रश्न सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ वकील सुभाष झा ने उठाया। वे हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित ‘हेट स्पीच’ अथवा हिन्दुओं को लक्ष्य बनाने का साम्यवादी षडयंत्र?’ इस विषय पर विशेष संवाद में बोल रहे थे।
अधिवक्ता सुभाष झा ने कहा कि भारत में हिन्दू अपने अस्तित्व की लढाई लड रहे हैं। गत कुछ दशकों से निर्माण हुए अफगानिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, म्यानमार, पाकिस्तान आदि देश भारत से तोड दिए गए। इनमें से अनेक इस्लामी राष्ट्र हो गए। वर्तमान में भारत के इस्लामीकरण करने के प्रयोग शुरू हैं। इस देश में पुन: अनेक टुकडे कर विभाजन किया जाएगा, इस संकट के विषय में हिन्दुओं को सजग करना चाहिए। यदि भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं किया तो भारत का इस्लामीकरण होने में समय नहीं लगेगा।
सुदर्शन चैनल के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाण ने कहा कि अमरीका में इस्लामोफोबिया के विषय में कानून बनाया गया है। भारत में ऐसा कानून नहीं बनाया जा सकता इसलिए हेट स्पीच यह अगली आवृत्ती लाई गई है। हिन्दुओं की विविध सभाओं में हिन्दुओं में जागृति की जा रही है। इसलिए जिहादी अस्थिर हो गए हैं। हिन्दुओं की सभाओं में बोलने वाले वक्ताओं और आयोजकों के विरोध में परिवाद प्रविष्ट कर उनमें भय उत्पन्न किया जा रहा है।
हिन्दू जनजागृति समिति की जलगांव में आयोजित की हुई हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में मेरे भाषण को हेट स्पीच का संदर्भ देकर मुझ पर केस लगा दिया गया। हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी राजासिंह, काजल हिंदुस्तानी को हेट स्पीच के नाम पर बंदी बनाया गया था। इन सभी प्रकारों के विरोध में लडने के लिए अधिवक्ताओं का संगठन आवश्यक है।
हिन्दू जनजागृति समिति के जलगांव जिला समन्वयक प्रशांत जुवेकर ने कहा कि हम वर्ष 2008 से प्रतिवर्ष जलगांव में हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा लेकर जनजागृति कर रहे हैं। परंतु 25 दिसंबर 2022 को सभा लेने तक कानून एवं सुव्यवस्था बिगड गई हो ऐसी कभी कोई घटना नहीं हुई। तब भी प्रशासन पर दबाव डालकर 9 मई 2023 को हिन्दुओं के विरोध में अपराध प्रविष्ट किया गया। वर्ष 2012 में मुंबई में रजा अकादमी ने सभा लेकर दंगे करवाए तब वक्ताओं पर कोई अपराध प्रविष्ट नहीं हुआ। ऐसे धर्मांधों के अनेक उदाहरण दे सकते हैं। जलगांव में बिना कोई घटना घटे ही हिन्दुओं पर हेट स्पीच का अपराध दर्ज हो जाता है, जो कि एक बडा षड्यंत्र है।