अजमेर। गौ माता का अपमान और गौ हत्या राक्षसी कर्म है जिसका कोई प्रायश्चित नहीं होता, यह अक्षम्य अपराध है। जिस स्थान पर गौ माता का अपमान होगा, गौ माता प्रताड़ित की जाएगी वहां देवीय, प्राकृतिक प्रकोप सम्भव है। गौ सेवा साक्षात परमात्मा की सेवा है साथ ही सभी ग्रहों की शान्ति का अचूक उपाय भी है।
यह बात महामण्डलेश्वर चिदंबरानन्द सरस्वती ने आदर्श नगर स्थित शिव मन्दिर की हीरक जयन्ती के उपलक्ष्य में चल रही शिव पुराण कथा में प्रवचन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कथा पुराण सुनने की कोई उम्र नहीं होती बल्कि बाल एवं युवा अवस्था में ग्रंथों, पुराणों, कथा भागवत का संग जीवन बदल सकता है। यह जीवन को सही दिशा प्रदान कर सकता है।
आज के युग में टीवी, इन्टरनेट, मोबाइल के दुरूपयोग का मुख्य कारण धर्म, संस्कृति, कथा पुराणों से विमुखता ही है। महर्षि दधीच जयन्ती पर बोलते हुए उन्होंने कहा की सन्त, महात्मा, महापुरुष केवल ज्ञान देना ही नहीं जानते अपितु, राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र भी उठा सकते हैं और अपने प्राणों का बलिदान भी कर सकते हैं।
महर्षि दधीच ने देवताओं की रक्षा के लिए अपनी देह का दान कर सम्पूर्ण ब्राह्मण जाति को पूजनीय बना दिया। ब्राह्मण समाज ने आचार्य पद प्राप्त कर सम्पूर्ण मानव जाति को दिशा दी है तथा मार्गदर्शन किया है। इसलिए सम्पूर्ण जाति आदरणीय है, वन्दनीय है।
आज धर्म का हनन हो रहा है, उसे सन्त, महात्मा, गुरू, आचार्य ही पुनस्थापित कर सकते हैं। जिस प्रकार समुद्र को लांघने में हनुमानजी को जाग्रत करना पड़ा, उन्हें उनकी शक्ति की याद दिलानी पड़ी ठीक उसी तरह ऋषि मुनियों को भी जाग्रत करने की आवश्यकता है।
कथा में विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए कहा की इस राम के राष्ट्र में वोट बैंक की खातिर राम के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगा देना शर्मनाक है। राजनेता धर्म, संस्कृति पर प्रशनचिन्ह नहीं लगाएं, ये जन मानक की आस्था का विषय है। कथा में ज्योतिलिंगों का वर्णन करते हुए संदर्भ कथा भी सुनाई।
कथा के विश्राम में जगद्गुरु निम्बाकाचार्य श्रीजी महाराज श्याम शरण देवाचार्य ने कहा की जब पुण्य जाग्रत हो फलित होते हैं तब इस प्रकार कथा श्रवण का अवसर मिलता है। आदर्श नगर ने शिव मन्दिर की हीरक जयन्ती के अवसर पर सनातन संस्कृति एवं धर्म स्थापना में एक आदर्श स्थापित किया है। उन्होंने दान की प्रवृति को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि दान केवल अर्थ का ही नहीं बल्कि श्रम, सेवा, समय, किसी का भी प्रकार का दान उत्तम फलदायक है।
हीरक जयन्ती के समापन पर कार्यकत्र्ता सम्मान समारोह में प्रेम प्रकाश आश्रम के नारायणदास तुलसी सेवा संस्थान के ओमप्रकाश मंगल, धर्म एवं अध्यात्म जागरण में तत्परता के लिए उमेश गर्ग, हीरक जयन्ती में सहयोग के लिए लीला गुप्ता, रामेश्वरनाथ गुप्ता, बीपी मित्तल, डाॅ. सुशीला, डाॅ. शकुन्तला चन्द्र अग्रवाल, कौशल कुमार, गोपाल चोयल, राधे चोयल, रामेश्वरनाथ, कृष्ण गुप्ता, विक्रम सिंह, मुकेश माथुर, ठाकुर प्रहलाद सिंह पीह, राजेन्द्र अग्रवाल, अतुल कुलश्रेष्ठ, चिमन लाल शर्मा, यशवन्त शर्मा, वीके अग्रवाल, दिनेश शर्मा, कोतिवर्धन सिंह, अनुप टंडन, लक्ष्मी टंडन, अयोध्या प्रसाद अग्रवाल, योगेश शर्मा, जगदीश प्रसाद शर्मा, सिब्बल लाल जी, हनुमान प्रसाद श्रीवास्तव, घासीलाल चतुर्वेदी, शैलेश रंजन, भगवती प्रसाद अग्रवाल, श्रीमती सावित्री मिश्रा को अनुकरणीय सहयोग के लिये सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन सुनील गोयल ने किया एवं अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह पीह, लाल नाथानी, बीपी, मित्तल, महेश अग्रवाल सहित सभी कार्यकर्ताओं ने पोथी पूजन एवं आरती में भाग लिया।