मथुरा। उत्तर प्रदेश की ब्रज मण्डल की होली के धूमधड़ाका ने आज से जो गति पकड ली है वह न केवल होली वाले दिन तक रहेगी बल्कि होली के बाद भी चालू रहेगी।
प्रदेश सरकार ने बरसाना, नन्दगांव की होली को राजकीय मेले का दर्जा भी दे दिया है तथा आज से शुरू हुए इस तीन दिवसीय आयोजन का नाम रंगोत्सव दिया है।
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने कहा कि इस बार के रंगोत्सव को दिव्य और भव्य बनाने का प्रयास किया गया है। बरसाना की आठ पुरानी गिरासू इमारतेा की छत पर बैठकर लठामार होली देखने पर रोक लगा दी गई है साथ ही कोविड -19 के प्रतिबंधों का अनुपालन सुनिश्चित कर लिया गया है।
इस तीन दिवसीय होली में आज सुबह राधारानी की बरसाने की सखियों द्वारा नन्दगांव के हुरिहारों को होली खेलने का निमंत्रण नन्दबाबा मन्दिर नन्दगांव में जाकर दिया गया । वे अपने साथ हांड़ी में गुलाल लेकर गई थी। इसके बाद नन्दबाबा मन्दिर में न केवल होली के रसिया का गायन हुआ बल्कि हंसी खुशी के माहौल में श्रद्धा, भक्ति और संगीत की त्रिवेणी प्रवाहित हो गई। निमंत्रण स्वीकार करने की श्रंखला में बरसाने का पंडा नन्दगांव लड्डू लेकर सांकेतिक रूप में लाड़ली मन्दिर आया जो इस बात का संकेत है कि नन्दगांव के हुरिहारों ने बरसाने जाकर होली खेलने के निमत्रण को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद मन्दिर में जमकर लड्डू होली हुई जिसमें तीर्थयात्रियों एवं अन्य श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया। इसी श्रंखला में मंगलवार को बरसाने की और बुधवार को नन्दगांव की लठमार होली खेली जाएगी।
नन्दबाबा मन्दिर के सेवायत सुशील गोस्वामी के अनुसार बरसाने या नन्दगांव की लठामार होली देखने में मनोरंजन की होली लगती है किंतु वास्तव में यह एक प्रकार से पूजा है जिसमें भाव की प्रधानता इसलिए होती है कि यह होली अश्लीलता से कोसों दूर है। इसमें अश्लीलता इसलिए नही आ पाती कि लठामार होली खेलनेवाले दोनो गांवों में वैवाहिक संबंध नही होते और यह होली श्यामाश्याम की सखी और सखा भाव की होली ही होती है।
वैसे तो ब्रज में आधा दर्जन से अधिक स्थानों की होली मशहूर है किंतु बरसाने की होली के मशहूर होने का कारण गोपियों द्वारा होली जैसे पर्व पर लाठी चलाना है। बाहर से आनेवाले श्रद्धालुओं को यह अजीब लगता है किंतु हकीकत यह है कि लठामार होली उस प्राचीन परंपरा का प्रदर्शन है जिसमें सजधज कर आई राधा और उनकी गोपियों पर श्यामसुन्दर और उनके गोप रंग डालते हैं।
राधारानी और उनके साथ आई गोपियां श्यामसुन्दर एवं गोपों को ऐसा करने से रोकती हैं और न मानने पर फूल छड़ी से उनकी इस प्रकार पिटाई करती हैं कि उन्हें किसी प्रकार की चोट न लगे। समय के साथ होली में लाठी का प्रयोग भले चल गया हो किंतु बरसाना या नन्दगांव की होली में गोपियां हकीकत में गोपों पर लाठियों प्रहार करते समय इस बात का प्रयास करती हैं कि लाठी का प्रहार गोपों द्वारा लिये गए चमड़े की ढ़ाल पर ही पड़े।हकीकत में इस होली में गोपिया लाठी से गोपों पर प्रहार करती है तो गोप चमड़े से बनी ढ़ालों पर उन प्रहारों को रोकते है।
बरसाने की लठामार होली में नन्दगांव के हुरिहार सजधज कर बरसाने आते हैं तथा लाड़ली मन्दिर में समाज होती है और लगभग एक घंटे बाद लठामार होली शुरू हो जाती है जिसमें श्यामसुन्दर और नन्दगांव के उनके साथी गोप राधारानी और उनकी सखियों से होली खेलते हैं। श्यामसुन्दर और उनके सखा मन्दिर से बाहर रंगीली गली में सजी सजाई राधारानी और गोपियों पर रंग और गुलाल डालते हैं और रसिया गायन करते हैं तो सखियां ऐसा करने से उन्हें रोकती हैं और न मानने पर लट्ठ से पिटाई कर उन्हे रोकने की कोशिश करती हैं।
शाम को आयोजित इस होली का समापन सूर्यास्त के साथ नन्द के लाला की जय से हो जाता है।
अगले दिन यानी 24 मार्च को नन्दगांव में नन्दबाबा मन्दिर के बाहर इसी प्रकार की लठामार होली होती है।अन्तर इतना होता है कि नन्दगांव की होली में गोपियां नन्दगांव की होती हैं तथा हुरिहार बरसाने के होते हैं। 25 मार्च यानी रंगभरनी एकादशी को जहां श्रीकृष्ण जन्मस्थान की होली होगी जिसमें व्रज की सभी होलियों का प्रस्तुतीकरण होता है वहीं इसी दिन वृन्दावन की रंग भरी होली की शुरूआत हो जाती है।
गोकुल के समाजसेवी नारायण तिवारी के अनुसार इस बार 26 मार्च को गोकुल का हुरंगा होगा। पूर्णिमा के दिन यानी 28 मार्च को ही फालेन गांव की होली होती है जिसमें पंडा धधकती होली से निकलता है। इसी श्रंखला में 30 मार्च को बल्देव एवं जाव ग्राम का हुरंगा होगा तथा मुखराई गांव में इसी शाम चरकुला नृत्य होगा। इसके बाद अहमलकला, सोंख आदि में चरकुला नृत्य अलग अलग तिथियों में होता है। चैरासी खंभा मन्दिर महाबन के सेवायत कन्हैयालाल के अनुसार महाबन का छड़ीमार हुरंगा 2 अप्रैल को खेला जाएगा तथा वसंत पंचमी से शुरू हुई होली का समापन इसी दिन होगा और इसके बाद ही होली मिलन समारोह की श्रंखला चालू हो जाएगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा0 गौरव ग्रोवर ने बताया कि वृन्दावन कुंभ की भांति बरसाने में लगाए गए पुलिसकर्मियों को सुरक्षा, सुगमता, शिष्टाचार और सेवा का भाव अपनाने का मूलमंत्र दिया गया है। सीसीटीवी एवं ड्रोन कैमरे से पूरे आयोजन पर नजर रखी जाएगी और संवेदनशील स्थानों पर सादावर्दी में पुलिसकर्मी लगाए गए है जो इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि महिलाओं से किसी प्रकार की अभद्रता न हो। हानिकारक गुलाल का प्रयोग करनेवालों या वातावरण खराब करने का प्रयास करनेवालों से सख्ती से निपटा जाएगा। नन्दगांव बरसाने की लठामार होली के साथ ही ब्रज की धूमधड़ाके की मनोहारी होली में तेजी आ जाती है।