पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में आज चैत्र माह की तृतीया पर रंगों के पर्व होली के बाद सुप्रसिद्ध भगवान श्री जुगल किशोर जी मंदिर में जुगल किशोर जी सखी वेष में दर्शन देते हैं।
भगवान की इस अनोखी छटा को निहारने तृतीया को मंदिर में सुबह पांच बजे से 11 बजे तक सिर्फ महिलाओं को प्रवेश मिलता है।
भगवान के इस नयनाभिराम अलौकिक स्वरूप के दर्शन वर्ष में सिर्फ एक बार होली के बाद तृतीया को ही होते हैं। यही वजह है कि सखी वेष के दर्शन करने पन्ना के श्री जुगुल किशोर जी मन्दिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है।
कृष्ण की भक्ति में लीन महिलाएं जब ढोलक की थाप पर होली गीत गाते हुये गुलाल उड़ाकर नृत्य करती हैं तो पन्ना शहर के इस मन्दिर में वृन्दावन जीवंत हो उठता है। सुबह 5 बजे से ही महिला श्रद्धालुओं का सैलाब भगवान के सखी वेष को निहारने और उनके सानिद्ध में गुलाल की होली खेलने के लिए उमड़ पड़ा।
यह अनूठी परम्परा श्री जुगुल किशोर जी मन्दिर में साढ़े तीन सौ वर्ष से भी अधिक समय से चली आ रही है जो आज भी कायम है। मन्दिर के प्रथम महन्त बाबा गोविन्ददास दीक्षित के वंशज देवी दीक्षित ने बताया कि सखी वेष के दर्शन की परम्परा प्रथम महन्त जी के समय ही शुरू हुई थी। मान्यता है कि चार धामों की यात्रा श्री जुगुल किशोर जी के दर्शन बिना अधूरी है। आज के दिन महिलाओं को प्रसाद के तौर पर भी सिर्फ गुलाल ही मिलता है।