मुंबई। आर्थिक विकास दर के लगभग पटरी पर आने के बीच घरेलू एवं वैश्विक कारकों से महँगाई बढ़ने की आशंका जताते हुए रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने दो महीने में दूसरी बार नीतिगत दरों में एक चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है जिससे घर एवं वाहन सहित विभिन्न प्रकार के ऋण के महंगे हो सकते हैं।
समिति की चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक समीक्षा बैठक के बाद बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि घरेलू स्तर पर खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के साथ ही मानसून की चाल और वैश्विक स्तर पर हो रहे घटनाक्रम से महंगाई पर असर पड़ने का अनुमान है। इसके मद्देनजर नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी की बढोतरी की गई है। समिति के छह में से पांच सदस्यों ने दरों में बढ़ोतरी का समर्थन किया जबकि एक ने विरोध में मतदान किया।
अब इस वृद्धि के बाद रेपो दर 6.50 प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 6.25 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) दर 6.75 प्रतिशत और बैंक दर 6.75 प्रतिशत हो गयी है। हालांकि, नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। समिति ने दूसरी द्विमासिक समीक्षा में भी 06 जून को नीतिगत दरों में एक चाैथाई फीसदी की बढ़ोतरी की थी।