नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने आज स्पष्ट किया कि मदर टेरेसा के संगठन मिशनरीज ऑफ चेरिटी का विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम के तहत पंजीकरण का नवीकरण इसलिए नहीं किया गया क्योंकि संगठन ने कुछ जरूरी शर्तों को पूरा नहीं किया था।
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसने संगठन के किसी बैंक खाते को फ्रीज नहीं किया और भारतीय स्टेट बैंक ने जानकारी दी है कि खुद संगठन ने ही बैंक से इस खाते को फ्रीज करने का अनुरोध किया था।
मंत्रालय ने सोमवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि मिशनरीज ऑफ चेरिटी के आवेदन को गत शनिवार को इसलिए मंजूरी देने से इंकार कर दिया गया क्योंकि इसमें विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम 2010 और विदेशी अंशदान नियमन नियमों 2011 की जरूरी शर्तों को पूरा नहीं किया गया था। संगठन ने इस निर्णय के विरोध में न तो कोई अनुरोध किया था और न ही दोबारा आवेदन किया था।
इस संगठन का पंजीकरण संख्या 147120001 के तहत किया गया था और इसकी अवधि गत 31 अक्टूबर तक थी। बाद में इसे अस्थायी तौर पर 31 दिसम्बर तक बढाया गया। जब नवीकरण के आवेदन पर विस्तार से विचार किया गया तो इसमें कुछ प्रतिकूल तथ्यों का पता चलने पर इसे नामंजूर कर दिया गया।
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने संगठन के किसी भी बैंक खाते को फ्रीज नहीं किया था बल्कि भारतीय स्टेट बैंक ने जानकारी दी है कि खुद संगठन ने ही उसके खाते को फ्रीज करने को कहा था