नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि समलैंगिक संबंध अपराध नहीं हाेने के बावजूद अप्राकृतिक होते हैं और संघ इन्हें बढ़ावा नहीं देता है।
समलैंगिकता पर सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बारे में पूछे जाने पर अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय की तरह हम भी इस तरह के संबंधों को अपराध नहीं मानते हैं। हालांकि समलैंगिक संबंध और रिश्ते प्राकृतिक नहीं होते हैं और ना ही हम इस प्रकार के संबंधों को बढ़ावा देते हैं।
उच्चतम न्यायालय ने दो वयस्कों के बीच आपसी सहमति से समलैंगिक संबंध को अपराध की श्रेणी से आज बाहर कर दिया। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सहमति के एक फैसले में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 377 को चुनौती देने वाली याचिकाओं को निरस्त कर दिया।